Heart Problems: इस प्रोग्राम की मदद से 4 प्रोटीन, हार्ट-पार्किसंस रोग भी कर सकेंगे ठीक, रिसर्च में खुलासा
आजकल की खराब लाइफ स्टाइल के कारण लोग दिल की बीमारी के अधिक शिकार हो रहे हैं. अब वैज्ञानिकों ने प्रोटीन के ऐसे ही समूह की खोज की है, जिससे हार्ट के क्षतिग्रस्त टिश्यू को रिपेयर करने में मदद मिलेगी.
Heart Attack Symptoms: वर्ष 2022 में हार्ट रोगों के लिहाज से ठीक नहीं है. कई सेलिब्रिटीज की हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट होनेे के कारण मौत हो गई. सेलिब्रिटी अपनी बॉडी बनाने में तो मशगूल रहे. लेकिन अंदर ही अंदर दिल कमजोर हो रहा है. इस ओर ध्यान नहीं दिया. हाल में मिस यूनीवर्स सुष्मिता सेन को आए हार्ट अटैक ने भी यूथ की चिंता बढ़ा दी थी. दिल के रोगों से निजात पाने के लिए साइंटिस्ट लगातार लगे हुए हैं. अब वैज्ञानिकों ने ऐसी एक प्रोग्रामिंग की मदद से ऐसे ही प्रोटीन के समूह की पहचान की है. इससे हार्ट, पार्किसंस रोगों के इलाज में बड़ी मदद मिलेगी.
जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी
अमेरिका के सेनफोर्ड बर्नहैम प्रीबिस में रिसर्च की गई. रिसर्च के परिणामों को नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में पब्लिश किया गया. रिसर्च में सामने आया कि सेलुलर प्रोग्रामिंग का लाभ उठाने के लिए प्रोटीन ऐसे एक समूह की पहचान की गई है, जिससे दिल की कोशिकाओं को हुए नुकसान को काफी कम किया जा सकता है.
हार्ट, पार्किंसंस रोगों के उपचार में मिली मदद
वैज्ञानिकों ने ये रिसर्च चूहों पर की. देखा गया कि चूहे के दिल को पहुंची चोट को कैसे ठीक किया जा सकता है. रिसर्च में सामने आया कि हार्ट, पार्किंसंस रोग और न्यूरोमस्कुलर बीमारियों सहित कई बीमारियों केे इलाज के बदलने में मदद मिल सकती है.
क्या होती है सेलुलर प्रोग्रामिंग?
बॉडी की सेल्स चुने गए जींस को चालू और बंद करने की क्षमता रखते हैं. शरीर की कोशिकाएं चुनी गई जींस को चालू और बंद कर सकती हैं. इसमें बदलाव लाना ही सेलुलर प्रोग्रामिंग कहा जाता है. इससे टिश्यू क्षतिग्रस्त होने पर उनकी मरम्मत करने में मदद मिलती है.
इन चार प्रोटीन की हुई खोज
वैज्ञानिकों ने रिसर्च में 4 तरह के प्रोटीन की खोज की है. इन्हें एजेएसजेड नाम दिया गया है. शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रोटींस की एक्टिविटी को ब्लॉक कर दिल के क्षतिग्रस्त हुए टिश्यू को कुछ कम कर पाए. चूहे पर हुई रिसर्च में सामने आया कि उनके दिल के टिश्यू 50 फीसदी तक ठीक हो गए.
अटैक के बाद हार्ट को होता है बहुत नुकसान
सैनफोर्ड बर्नहैम प्रीबिस के असिस्टेंट प्रोफेसर और रिसर्च के लीड लेखक एलेक्जेंडर कोलास ने बताया कि हार्ट अटैक के बाद यदि कोई व्यक्ति बच भी जाता है, लेकिन तब तक उसके हार्ट के टिश्यू को बहुत अधिक नुकसान हो चुका है. इससे हार्ट के अन्य रोगों के होने का खतरा हो जाता है. लेकिन इन नए प्रोटीन की मदद से हार्ट के टिश्यू की मरम्मत होने में मदद मिलेगी.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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