Soil Pollution: मिट्टी में बढ़ रहा पलूशन (Soil) हार्ट की हेल्थ (Hearth Health) के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. यह एक बड़ी वजह है कि सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में कार्डियोवस्कुलर हेल्थ (cardiovascular health) के पेशंट्स लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले दिनों जर्मनी में हुई एक रिसर्च में कई चौंकाने वाले फैक्ट्स सामने आए हैं, जिनसे यह साबित होता है कि मिट्टी में बढ़ रही पेस्टिसाइड्स (Pesticides) की मात्रा और हेवी मेटल्स (Heavy Metals in Soil) की उपस्थिति के कारण हार्ट पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है.


मिट्टी के प्रदूषण का हार्ट पर असर (Soil pollution effect on Heart)



  • मिट्टी में बढ़ते प्रदूषण के कारण हार्ट में सूजन (Inflemation) की समस्या बढ़  सकती है.

  •  सॉइल पलूशन के कारण बॉडी क्लॉक डिस्टर्ब होती है.

  • सॉइल पलूशन के कारण शरीर पर ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस बढ़ने लगता है. इससे फ्री रेडिकल्स की संख्या बढ़ जाती है और इसके बाद चेन रिऐक्शन यानी एक के बाद एक कोशिका के डैमेज होने का सिलसिला शुरू हो जाता है.



  • मिट्टी में बढ़े टॉक्सिन्स का असर इतना अधिक घातक हो चुका है कि रिसर्च टीम की ओर से यह सुझाव जारी किया गया है कि जब हवा तेज हो और धूल युक्त हो तो मास्क जरूर पहनें.

  • ऐसा नहीं है कि यह समस्या किसी एक देश या कॉन्टिनेंट की है. बल्कि इंटरकनेक्टेड सप्लाई चेन के कारण अब यह समस्या एक ग्लोबल इश्यू है.

  • शोधकर्ता टीम ने हार्ट डिजीज पर हो रही रिसर्च, बीमारी के कारणों और इनकी मेडिकल कंडीशन को भी ध्यान में रखा गया. 

  • रिसर्च में पेस्टिसाइड्स और हार्ट डिजीज के बीच लिंक साफतौर पर नजर आएं. इनमें यह बात भी सामने आई कि महिलाओं और शुगर मरीजों में भी हार्ट डिजीज की दिक्कते बढ़ रही हैं. इस तरह हवा में मिले धूल के कण सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं और हार्ट को कमजोर करते हैं.

  • रिसर्च में सामने आए आंकड़ों के आधार पर हर साल लगभग 9 मिलियन लोग सॉइल पलूशन के कारण मौत के मुंह में चले जाते हैं. क्योंकि पेस्टिसाइट्स और हेवी मेटल्स से भरी ये मिट्टी हवा, पानी और भोजन सभी को प्रदूषित करती है.

  • हालांकि प्रदूषित हवा, जिसमें गाड़ी और कारखानों से निकलने वाले जहरीले धुएं और गैसों की बात करें तो मिट्टी का प्रदूषण इनकी तुलना में कम घातक होता है. लेकिन प्रदूषण के कारण होने वाले रोग 60 प्रतिशत रोग कार्डियोवस्कुलर डिजीज से सीधे रूप से संबंधित हैं.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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