दिल की समस्या से जुड़े ये पांच मिथ पर कभी ना करें यकीन...झेलने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम
दिल से जुड़ी बीमारी के आपको 5 मिथ बता रहे हैं जिसपर भूल से भी यकीन नहीं करना चाहिए, नहीं तो आपकी जान भी जा सकती है..जानते हैं इस बारे में
Myth vs Truth: दिल शरीर का एक ऐसा अंग है जो हेल्दी ना रहे तो आपको समस्याएं हो सकती है अगर दिल स्वस्थ है तो आप लंबा जीवन जी सकते हैं. हालांकि अक्सर हम अपने मनमर्जी और खराब लाइफस्टाइल की वजह से इसे नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते. अक्सर जब दिल से जुड़ी कोई शिकायत होती है जो लोग आपको तरह-तरह की सलाह मशवरा देते हैं. अब जब दिल की बात है तो लोगों को यह मानना ही पड़ता है लेकिन कई बार यह सलाह सिर्फ एक मिथ रहती है जिसे अपना ना आपको भारी भी पड़ सकता है.ऐसे में आपको सिर्फ अपने डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए. आइए जानते हैं दिल की सेहत से जुड़े वो मिथ कौन से हैं जिस पर हमें यकीन नहीं करना चाहिए.
दिल की समस्या जे जुड़े मिथ औऱ सच्चाई
1.अगर आप सोचते हैं कि आप बीपी और कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवा रोजाना खा रहे हैं और आप पूरी तरह से सुरक्षित हैं तो यह आपकी बहुत बड़ी गलतफहमी है, क्योंकि दवा लिवर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को नियंत्रित करती है और टोटल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करती है, जिससे खतरा कम होता है लेकिन जब आप इस दौरान अंधाधुन फैटी फूड्स का सेवन करते हैं तो फिर यह दवा कोई काम की नहीं होती.
2.लोगों का सोचना होता है कि उम्र बढ़ने के साथ कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर बढ़ता है यह सही भी है,उम्र के साथ हाथ की नसें सख्त और करने लगती है जिस वजह से खून को पंप करना दिल के लिए मुश्किल हो जाता. लेकिन अगर आप जवान हैं और लगातार कोलेस्ट्रॉल और बीपी की समस्या हो रही है तो इसके बढ़ने के पीछे आपका लाइफस्टाइल डाइट और फिटनेस लेवल भी जिम्मेदार होता है.
3.ऐसा कहा जाता है कि दिल से जुड़ी अगर कोई समस्या हो तो उबला हुआ खाना ही खाना चाहिए और नमक की मात्रा कम कर देनी चाहिए,लेकिन जरूरी नहीं है कि आप उबला हुआ खाना ही खाएं. अगर आप दिल की बीमारी के शिकार हैं तो सैचुरेटेड फैट के साथ-साथ हाइड्रोजन फैट का सेवन कम कर दें.
4.अक्सर लोग कहते हैं कि हल्का हार्ट अटैक इतना गंभीर नहीं होता लेकिन सच्चाई तो ये है कि हार्टअटैक जैसा भी हो यह गंभीर ही होता है.हार्ट अटैक की सही तरीके से देखभाल सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही ठीक की जा सकती है.अगर आप इसे नजरअंदाज करते हैं तो आपको आगे चलकर परेशानी हो सकती है.
5.नौजवानों को दिल की बीमारी की चिंता करने की जरूरत नहीं दिल की बीमारी 50 की उम्र के बाद होती है, ऐसा सोचना आपके लिए जोखिम पैदा कर सकता है, क्योंकि आज के वक्त में सबसे ज्यादा युवा ही दिल की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं आपको बता दें कि बचपन से ही आर्ट्रीज में प्लाक जमना शुरू हो जाते हैं, जो आगे चलकर आर्ट्रीज को ब्लॉक करने की वजह भी बनता है. मोटापा टाइप टू डायबिटीज जैसी कई बीमारियां युवाओं में दिल की बीमारी का कारण बनती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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