Heart Disease: IIT के रिसर्चर्स ने खोजा ऐसा कार्डिएक प्रोटीन... डेमेज हार्ट को कर देगा फिट
अधिक तनाव, जीवनशैली और अधिक कार्य का दबाव दिमाग के साथ लोगों के दिल पर भी देखने को मिल रहा है. इसी कारण दिल के टिश्यू डैमेज होने लगते हैं. आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने इसमें कामयाबी हासिल की है.
Heart Attack Symptoms: दिल के इलाज को लेकर राहत भरी खबर सामने आई है. अभी तक हार्ट डेमेज होने पर इसकी रिकवरी की संभावना बेहद कम होती थी. इलाज इतना महंगा होता है कि आम आदमी इसे वहन नहीं कर पाता है. अब आईआईटी गुवाहाटी के बायोसाइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग की टीम ने रिकॉम्बिनेंट प्रोटीन टूलबॉक्स डेवलप की है. इसमें छह विशेष प्रोटीन होते हैं. इनका प्रयोग स्वस्थ त्वचा कोशिकाओं या किसी एडल्ट व्यक्ति की कोशिकाओं हार्ट कोशिकाओं विशेष रूप से कार्डियोमायोसाइट्स में परिवर्तित करने के लिए किया जा सकता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस टूलबॉक्स का उपयोग करके बनाई गई हृदय कोशिका मूल हार्ट मशल्स के समान ही कार्य कर सकती हैै. जो हार्ट कोशिकाएं डेमेज हो चुकी हैं. उन्हें दोबारा बनाया जा सकता है. विशेष बात यह है कि टूलबॉक्स प्रयोगशाला में ऑटोलॉगस हार्ट मशल्स को बनाने में भी सहायता कर सकता है.
सेल्स की हो सकेगी रिप्रोग्रामिंग
गुवाहाटी की टीम ने सेल-पर्मेंट रिकॉम्बिनेंट प्रोटीन का सफलतापूर्वक उत्पादन किया है. ये त्वचा की कोशिकाओं को हार्ट सेल्स में बदल सकता है. रिकांबीनेंट प्रोटीन एक वांछित प्रोटीन है जो रिकांबीनेंट डीएनए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके एक प्रयोगशाला में इंजीनियर होस्ट कोशिकाओं से पैदा किया जाता है. त्वचा की कोशिकाओं को इन प्रोटीनों के संपर्क में लाकर शोधकर्ता कोशिकाओं को रिप्रोग्राम कर सकते हैं और उनमें हृदय कोशिकाओं की विशेषताएं बना सकते हैं.
हार्ट डेमेज होने के बाद आता है अटैक
शोधकर्ताओं का कहना है कि हार्ट डेमेज को लेकर एक पफैक्ट समझ मेें आया है कि हार्ट अटैक तब आता है, जब दिल का कोई हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाता है. कुछ जानवरों में जेब्राफिश जैसी विशेषता होती है कि उनका दिल डेमेज होने के बाद वापस रिकवर हो जाता है. लेकिन लोगों के साथ ऐसा नहीं होता है. हयूमन बॉडी में हार्ट के टिश्यू डेमेज होते हैं. उनसे दोबारा डेमेज टिश्यू ही पैदा हो पाते हैं. हार्ट के सही इलाज का तरीका इसका प्रत्यारोपण है. लेकिन हार्ट की संख्या इतनी अधिक न हो पाने और बेहद खर्चीली होने के कारण सभी इसको प्रत्यारोपण नहीं करा पाते हैं.
दुनिया भर में चल रही रिसर्च
शोधकर्ताओं का कहना है कि हार्ट प्रत्यारोपण एक बड़ी और खर्चीली प्रक्रिया है. यह भी जरूरी है कि हार्ट यदि रिप्लेस किया जा रहा है तो नया दिल नई बॉडी को स्वीकार करें भी या नहीं. दुनिया भर के साइंटिस्ट शरीर की कोशिकाओं को हृदय की कोशिकाओं में बदलने के तरीकों का अध्ययन कर रहे हैं, जो डेमेज हार्ट को रिवाइव करने में मदद कर सकते हैं. वैज्ञानिकों के सामने चुनौती यह भी है कि इस प्रोसेस को इस तरह पूरा किया जाए कि किसी तरह का साइड इफेक्ट न दिखे.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें
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