भारत में दिल संबंधी बीमारियों के सबसे ज्यादा मरीज पाये जाते हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि बुजुर्गों से ज्यादा दिल की बीमारियां युवाओं में देखने को मिल रही है. दरअसल युवा आबादी में अल्कोहल और धूम्रपान के बारे में खराब और गतिहीन जीवन शैली, कुछ ऐसे ही कारक हैं जो न केवल डायबटीज और हाई ब्लडप्रेशर के रिस्क को बढ़ाते हैं, बल्कि हृदय की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करते हैं.
कम उम्र के लोगों में बढ़ रही दिल की बीमारियां
रिपोर्ट्स की माने तो खराब लाइफस्टाइल की वजह से युवाओं में दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा 75 फीसदी तक बढ़ जाता है. दरअसल खराब लाइफस्टाइल और खानपान युवाओं के हृदय के लिए एक बड़ा खतरा बन रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल करीब 900 लोग दिल से दौरा पड़ने से मरते हैं जिनकी उम्र 30 साल से कम होती है. यह आंकड़ा समय के साथ लगातार बढ़ रहा है. गौरतलब है कि हृदय रोगों के शुरुआती लक्षणों के बारे में जागरूकता की कमी ही भारत में सबसे घातक बीमारियों और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक हो सकती है. यह अनुमान है कि लगभग 20% पुरुष और 12-15% महिलाएं हर साल किसी न किसी हृदय रोग से मर जाते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है.
ये हैं वजह
प्रोग्रेसिव हर्ट फेलियर रक्त वाहिकाओं के धमनी अस्तर में निर्मित पट्टिका (वसायुक्त पदार्थ) के कारण होता है और इसके लिए मुख्य रूप से खराब लाइफस्टाइल, धूम्रपान, ज्यादा वजन, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी स्थितियों जिम्मेदार हैं. वहीं रोज बढ़ता स्ट्रेस भी युवाओं में होने वाले हार्ट अटैक के लिए एक बड़ी वजह बन गया है.
पहचानें लक्षण
अगर शुरुआत में ही दिल की बीमारी के लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इसका इलाज मुमकिन हैं. चलिए जानते हैं कुछ ऐसे ही लक्षण.
सीने में बेचैनी होना- दिल का दौरा पड़ने का सबसे कॉमन लक्षण है सीने में बैचेने होना और भारीपन जैसा महसूस होना. कई बार सीने में जलन में दिल का दौरा पड़ने का लक्षण हो सकती है.
सांस लेने में दिक्कत होना- सांस लेने में तकलीफ हो रही है या फिर जरा से चलने पर हांफने लगते हैं तो ये हार्ट अटैक का इशारा है.
ज्यादा पसीना आना- गर्मियों में पसीना आना बेहद आम बात है लेकिन अगर सर्दियों में भी पसीना आता है तो ये चिंता की बात है क्योंकि यह भी दिल का दौरा पड़ने का एक लक्षण है.
हाथ का सुन्न पड़ जाना- अगर आपके हाथ बार बार सुन्न पड़ जाते हैं तो इस पर ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि यह हार्ट अटैक या पैरालिसिस अटैक का संकेत हो सकता है.
शरीर के किसी अंग का काम न करना- अगर अचानक से आपकी बॉडी के किसी अंग ने काम करना बंद कर दिया है तो इसे नजरअंदाज बिल्कुल न करें यह भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है.
अनहेल्दी लाइफस्टाइल से बचें
यकीनन दिल के दौरे कभी केवल बुढ़ापे से जुड़े थे. लेकिन अब, 20, 30 और 40 की उम्र के लोग ज्यादातर दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं. रिसर्च में भी यह बात साबित हुई है कि जिन्स से ज्यादा खराब लाइफस्टाइल कम उम्र में होने वाले दिल संबंधी रोगो का मुख्य कारण है. रिसर्च के मुताबिक लाइफस्टाइल में बदलाव कर युवा दिल संबंधी बीमारियों की चपेट में आने से बच सकते हैं. इसके लिए स्मोकिंग, शराब, जंकफूड और तनाव से बचें और शारीरिक श्रम करें.
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