मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण दौर होता है, जब उनकी मासिक धर्म प्रक्रिया बंद हो जाती है. इस दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिनमें से एक है मासिक धर्म का अनियमित होना.  कई महिलाओं को इस समय ज्यादा खून बहने की समस्या का सामना करना पड़ता है. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह नॉर्मल है या किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है? चलिए, एक्सपर्ट से जानते हैं.


क्या है मेनोपॉज के दौरान ज्यादा खून बहना?
मेनोपॉज के करीब आते ही महिलाओं के हार्मोनल स्तर में बदलाव आने लगता है. इस वजह से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, और कई बार ज्यादा खून बहने की समस्या भी हो सकती है. हालांकि, यह हर महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है. कुछ महिलाओं को बहुत कम या हल्के पीरियड्स होते हैं, जबकि कुछ को भारी रक्तस्राव का अनुभव हो सकता है. 


कब हो सकता है खतरे का संकेत?
यदि मेनोपॉज के दौरान खून का बहना अचानक से बहुत ज्यादा हो जाए, पीरियड्स के बीच में खून आए, या फिर ब्लीडिंग एक हफ्ते से ज्यादा चले, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।


क्या करें?
यदि आपको मेनोपॉज के दौरान भारी खून की समस्या हो रही है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें. वह आपकी स्थिति का आकलन करके सही उपचार की सलाह देंगे.  इसके अलावा, अपनी डाइट में बदलाव लाएं, तनाव कम करें, और नियमित व्यायाम करें. ये उपाय आपकी सेहत को बेहतर बनाने में मदद करेंगे. 


मेनोपॉज के मुख्य लक्षण



  • मासिक धर्म का अनियमित होना: मेनोपॉज की शुरुआत में पीरियड्स का आना-जाना अनियमित हो जाता है। कभी-कभी यह जल्दी आ सकते हैं या फिर काफी देरी से भी हो सकते हैं। धीरे-धीरे पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो जाते हैं।

  • गरम चमक (हॉट फ्लैशेस): यह मेनोपॉज का एक आम लक्षण है. इसमें अचानक शरीर में गरमी महसूस होती है, चेहरा और गर्दन लाल हो सकते हैं, और पसीना आ सकता है. यह कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक हो सकता है.

  • रात को पसीना आना: कई महिलाओं को रात में अचानक पसीना आने की शिकायत होती है, जिससे उनकी नींद भी प्रभावित हो सकती है. यह गरम चमक का ही एक रूप है.

  • नींद में समस्या: मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को नींद आने में कठिनाई हो सकती है, बार-बार नींद टूट सकती है, या उन्हें पर्याप्त आरामदायक नींद नहीं मिल पाती है.

  • मूड में बदलाव: हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, या डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. महिलाएं कभी-कभी बहुत खुश या बहुत उदास महसूस कर सकती हैं.

  • वजन बढ़ना: इस समय के दौरान मेटाबॉलिज्म की रफ्तार धीमी हो जाती है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है.

  • स्किन और बालों में बदलाव: त्वचा सूखने लगती है, झुर्रियां बढ़ सकती हैं, और बाल पतले हो सकते हैं. बाल झड़ने की समस्या भी हो सकती है.

  • यौन जीवन में बदलाव: मेनोपॉज के बाद कई महिलाओं को यौन संबंधों में रूचि कम हो सकती है, और यौन संबंधों के दौरान दर्द भी महसूस हो सकता है. यह योनि के सूखेपन के कारण होता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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