हाल ही में हुए स्टडी के मुताबिक बीपी मरीज को दूसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा एक्टिव रहना चाहिए क्योंकि इससे डिमेंशिया का खतरा कम होता है. कई स्टडी में यह खुलासा हो चुका है कि जो लोग हाई बीपी के शिकार हैं उन्हें भूलने की बीमारी, एकाग्रता की कमी अक्सर रहती है. नई चीजों को सीखने की कमी होती है. इन्हीं सभी बीमारियों में से एक है डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है. इन सभी कारणों रोजमर्रा की जिंदगी बहुत ज्यादा मुश्किल भरी हो सकती है. 


'वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी' की रिसर्च


यूएस की 'वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी' की रिसर्च के मुताबिक फिजिकली एक्टिन रहने से भूलने की बीमारी, टेंशन, स्ट्रेस, अवसाद, डिमेंशिया जैसी बीमारी का जोखिम कम होता है. ऐसे लोग जो हाइपरटेंशन की बीमारी से गुजर रहे हैं उन्हें तो सप्ताह में एक दिन भी एक्सरसाइज या घर के कामकाज या किसी भी तरह से फिजिकली एक्टिव रहना बेहद जरूरी है. 


इस रिसर्च में 50 ऐसे लोगों को शामिल किया गया. जिनकी उम्र 60 साल की थी. उनके फिजिकली एक्टिव रहने से कितना ज्यादा पसीना निकलता है उनका ध्यान रखा गया. उनकी हार्ट बीट और सांस लेने के पैटर्न का ध्यान रखा गया. इस रिसर्च में इन बातों का ध्यान रखा गया कि उम्र कितनी भी बढ़ जाए लेकिन अगर आप एक्सरसाइज करते हैं तो आप ज्यादा फिट और अच्छे दिखते हैं. इस रिसर्च में यह भी कहा गया कि आपकी उम्र 75 सा की ही क्यों न हो जाए लेकिन व्यक्ति को फिजिकली एक्टिव रहना बेहद जरूरी है. 


'द जर्नल ऑफ अल्जाइमर एसोसिएशन' में छपी रिपोर्ट


द जर्नल ऑफ अल्जाइमर एसोसिएशन में छपी रिपोर्ट अल्जाइमर और डिमेंशिया के मुताबिक फिजिकली एक्टिवी से आप बहुत सारी बीमारी के जोखिम को रोक सकते हैं. SPRINT (सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर इंटरवेंशन ट्रायल) के कारण हाई बीपी जब बढ़ती है तो दिल की बीमारी का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है. इस बीमारी में 9 हजार 3 सौ लोगों को शामिल किया गया. इसमें शामिल लोगों की उम्र 50 के आसपास की थी. जो ब्लड प्रेशर का इलाज करवा रहे थे. उनका सिस्टोलिक प्रेशर 140 mm Hg रखना था.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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