Oil For Heart: दिल के लिए तेल बहुत खतरनाक है. ज्यादा ऑयल खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. यही वजह है कि आजकल डॉक्टर्स कम फैट वाला खाना खाने की सलाह देते हैं. खाने में शामिल रिफाइंट कार्बोहाइड्रेट हार्ट के लिए खतरनाक है, जबकि खाने से मिलने वाला कॉलेस्ट्रॉल यानी डाइटरी कॉलेस्ट्रॉल दिल के लिए उतना हानिकारक नहीं है. पहले कहा जाता था कि एक व्यक्ति को डाइट में रोजाना 300 मिलीग्राम से ज्यादा कॉलेस्ट्रॉल वाले फूड का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है, लेकिन अब नए रिसर्च में ये सामने आया है कि डाइटरी कॉलेस्ट्रॉल उतना खतरनाक नहीं है.
कैसे बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल
1- कॉलेस्ट्रॉल हार्ट की बीमारियों की बड़ी वजह है, लेकिन आप डाइट से जो कॉलेस्ट्रॉल ले रहे हैं वो उतना खतरनाक नहीं है जितना ऑयल खतरनाक है.
2- ट्रांस फैट्स स्वास्थ्य के लिए सबसे नुकसानदेह है. जब आप तेल को बार-बार गर्म करते हैं या तेज गर्म करते हैं तो ट्रांस फैट्स बनता है. इससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है.
3- सैचुरेटिड फैट्स जैसे घी, मक्खन, चीज, रेड मीट आदि से जो कोलेस्ट्रॉल मिलता है उससे दिल की बीमारी का सीधा कनेक्शन नहीं है.
4- दिल के लिए रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे सफेद चीनी, सफेद चावल और मैदा भी फैट से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं.
कॉलेस्ट्रॉल क्या है और इसके क्या नुकसान हैं?
कॉलेस्ट्रॉल वैक्स जैसी चिकनी चीज होती है जो शरीर के अंदर मौजूद कोशिकाओं में पाई जाती है. ये चिकनाई नर्वस सिस्टम से लेकर पाचन में मदद करती है, लेकिन अगर ये चिकनाई आर्टरीज में बढ़ जाए और जमा होने लगे तो दिल के लिए घातक साबित होती है.
जमा हुआ कॉलेस्ट्रॉल आर्टरीज को ब्लॉक कर देता है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है. अगर आर्टरीज़ में सूजन है या कोई और वजह है तो ये ब्लॉक होने लगती हैं.
क्या खाने से जुड़ा कॉलेस्ट्रॉल खतरनाक है
खाने वाली चीजों से ब्लड कॉलेस्ट्रॉल पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है. शरीर में 85 से 88 प्रतिशत ब्लड कॉलेस्ट्रॉल लिवर बनाता है और सिर्फ 12 से 15 फीसदी कॉलेस्ट्रॉल खाने से मिलता है. अगर आपका कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा है तो आपको खाने में भी कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा पर कंट्रोल करना जरूरी है. कॉलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए ट्रांस फैट और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट कम खाएं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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