लंदनः ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में (ए,बी, एबी) ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका 9 फीसदी ज्यादा रहती है. हाल ही में आए शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि वॉन विलेब्रैण्ड फैक्टर की ज्यादा मात्रा की वजह से खतरा ज्यादा हो जाता है. विलेब्रैण्ड फैक्टर एक ब्लफड क्लोजटिंग जमाने वाला प्रोटीन है, जो कि थ्रोम्बोटिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है.
ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को ज्यादा कोलेस्ट्रॉल के लिए जाना जाता है, जो कि दिल के दौरे का प्रमुख जोखिम कारक है.
शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके अलावा, गैर ओ-ब्लड ग्रुप वाले लोगों में गैलेक्टिन-3 की उच्च मात्रा होती है. गैलेक्टिन-3 प्रोटीन सूजन और दिल के मरीजों पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
नीदरलैंड के मेडिकल सेंटर ग्रोनिगन विश्वविद्यालय के छात्र और चीफ राइटर तीसा कोले ने कहा, "शोध से पता चलता है कि गैर-ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल से जुड़े रोगों और दिल का दौरा पड़ने का खतरा 9 फीसदी ज्यादा होता है. इसमें खास तौर से मायोकार्डिल इंफ्रेक्शन शामिल है."
इस शोध को 'हार्ट फेल्योर 2017' और चौथे वर्ल्ड कांग्रेस के 'एक्यूट हार्ट फेल्योर' में प्रस्तुत किया गया है.
इस शोध के लिए दल ने ओ और गैर-ओ ब्लड ग्रुप का एक मेटा विश्लेषण किया. इसमें मायोकार्डियल इंफ्रेक्शन (हार्ट अटैक), कोरोनरी धमनी रोग, हार्ट फेल्योर, कार्डियोवैस्कुलर घटनाओं और कार्डियोवैस्कुलर मृत्युदर का विश्लेषण किया गया.
कोले ने सुझाव दिया, ब्लड ग्रुप को दिल के दौरे की रोकथाम, कोलेस्ट्रॉल, उम्र, लिंग और सिस्टोलिक रक्तचाप के खतरों के मूल्यांकन में शामिल किया जाना चाहिए.
ब्लड ग्रुप से पता चलेगा दिल के दौरे का खतरा!
एजेंसी
Updated at:
02 May 2017 10:16 AM (IST)
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