Holi Safety Tips for Kids: रंग और मस्ती का त्योहार होली (Holi 2023) 8 मार्च को मनाई जाएगी. अबीर-गुलाल, मौज-मस्ती और डांस का उत्साह इस त्योहार पर देखते ही बनती है. क्या बच्चे, क्या बूढ़े हर किसी पर इसका खुमार देखा जाता है. बच्चे सबसे ज्यादा इस फेस्टिवल का इंतजार करते हैं. होली के दिन वे पिचकारी लेकर घर से निकल जाते हैं और पानी भर-भरकर होली खेलते हैं. इस दौरान जरा सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है. इसलिए पैरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि मौज-मस्ती के चक्कर में बच्चों का ख्याल रखना न भूलें और सुरक्षित होली मनाएं. आइए जानते हैं रंगों के उमंग में बच्चों का कैसे ख्याल रखें..

गुब्बारों से होली को कहें ना


होली के अवसर पर पिचकारी के साथ बच्चे गुब्बारों में रंग और पानी भरकर एक-दूसरे पर फेंकते हैं. ऐसे में किसी हादसे का डर बना रहता है. बच्चों को चोट भी लग सकती है. इसलिए उन्हें सलाह दें कि गुब्बारों से होली न खेलें और आप खुद भी इस बात का ख्याल रखें.

केमिकल वाले रंग न खरीदें


गुलाल-अबीर और पक्के रंगो से होली मनाई जाती है. आजकल मार्केट में केमिकल युक्त रंग आ गए हैं, जो हमारी स्किन और आंखों के लिए नुकसानदायक होते हैं. इसलिए केमिकल युक्त रंगों के बजाए हर्बल रंगों से ही होली खेलें और बच्चों को भी यही सलाह दें. रंग खेलते समय बच्चों को कलफुल और फंकी गॉगल पहनाना चाहिए. उन्हें फुल बाजू कपड़े भी पहनाए ताकि ज्यादातर स्किन ढकी रहे.

ऑर्गेनिक कलर से सावधान


आप केमिकल वाले कलर की बजाय ऑर्गेनिक कलर से भी होली खेल सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि यह मुंह के अंदर न जाए, क्योंकि ऐसा होने पर यह खतरनाक हो सकता है. इससे फूड पॉइजनिंग और इंफेक्शन का खतरा रहता है.

बच्चों को ज्यादा देर गीला न रहने दें


बच्चे जब पानी और रंगों से होली खेलते हैं तो भीगे कपड़े में कई-कई घंटों तक रहते हैं. चूंकि होली के दौरान न ज्यादा गर्मी रहती है और ना ही ज्यादा ठंड ऐसे में हल्की सर्दी लगती है और तेज धूप भी. ऐसे में गीले कपड़े में रहने से बच्चों की सेहत प्रभावित हो सकती है. इसलिए उन्होंने गीले कपड़ों में न रहने दें और सुरक्षित होली मनाएं.

 

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