जानिए क्या है अल्जाइमर, जिसकी वजह से थॉर फिल्म के हीरो को लेना पड़ रहा इंडस्ट्री से ब्रेक
अल्जाइमर उम्र बढ़ने, जेनेटिकली व अन्य वजहों से हो सकता है. अब हॉलीवुड हीरो क्रिस हेम्सवर्थ इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं. बचाव के लिए लक्षण जानना जरूरी है
Alzheimer's Treatment: अल्जाइमर ब्रेन की एक गंभीर बीमारी है. आज इसकी चर्चा इसलिए जरूरी है, क्योंकि हॉलीवुड की फेमस मूवी THOR फिल्म के हीरो Chris Hemsworth इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ गए हैं. उन्होंने खुद अल्जाइमर होने की जानकारी दी है. अल्जामइर डिसीज डिमेंशिया की नेक्स्ट स्टेज हैं. डिमेंशिया और अल्जाइमर के लक्षण एक से होते हैं. हालांकि अल्जाइमर यह लक्षण और अधिक गंभीर नेचर के हो जाते हैं. लाइफ स्टाइल में बदलाव, योग, एक्सरसाइज और स्लीपिंग टाइम बेहतर कर इस बीमारी से कापफी हद तक बचा जा सकता है. जानते हैं कि यह रोग होता क्यों है? इसके कारण और भी बहुत कुछ.
क्यों हो जाता है अल्जाइमर?
डॉक्टरों का कहना कि अल्जाइमर क्यों हो जाता है? इसके स्पष्ट कारण तो अभी तक सामने नहीं आए हैं. फिर भी इसे समझा जाए तो ब्रेन में प्रोटीन सामान्य रूप से काम नहीं कर पाता है. इसी कारण मस्तिष्क कोशिकाएं (न्यूरॉन्स) के काम में बाधा आने लगती हैैं और वह ठीक से काम नहीं कर पाती. ब्रेन में जहरीले टॉक्सिंस जमा होने लगते हैं और न्यूरॉन्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. इस डिसीज के होने का यह एक बड़ा कारण है. अल्जाइमर रोग की शुरुआत अक्सर ब्रेन की उस जगह से होती है, जहां से मेमोरी को नियंत्रित किया जाता है. इसी कारण मैमोरी से जुड़ी समस्याएं पैदा होती हैं. पेशेंट चीजों का लंबे समय तक याद नहीं रख पाता. यह बीमारी बाद में ब्रेन क अन्य हिस्से को भी इफेक्ट करने लगती है.
क्या दिखते हैं Alzheimer Symptoms
पेशेंट बातचीत तक भूल जाता हैं. चीजों का रखकर भूल जाना, जानी पहचान जगहों पर रास्ता भूल जाना, करीबी लोगों के नाम भूल जाना, वस्तुओं की पहचान करने, बोलने में परेशानी होना, शब्दों का न मिल पाना, सोचने और डिबेट करने में परेशानी होना, संख्याओं को पहचानने में परेशानी, डिसीजन मेकिंग पॉवर कम होना, खाना बनाना, कोई पसंदीदा काम करने में परेशानी होना, खेलने में दिक्कत होना शामिल है. पेशेंट को कई बार नहाने, धोने और कपड़े पहनने में दिक्कत तक हो सकती है
अलजामइर रोग के कारण
अलजाइमर रोग उम्र के साथ जुड़ा भी एक रोग है. जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है. इस रोग के होने की संभावना बढ़ती जाती है. यह बीमारी जेनेटिकली भी जुड़ी हुई है. यानि परिवार में दादा, दादी, माता, पिता या भाई-बहन को किसी को बीमारी हो रही है तो इसके अगले पीढ़ी में जाने की अधिक संभावना होती है. डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लोगोें को यह बीमारी हो जाती है. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह बीमारी अधिक देखने को मिलती है. सिर में चोट लगने, एयर पॉल्यूशन से यह बीमारी हो जाती है. नींद पूरी न होना, सही समय पर न सोने वाले लोगों में यह बीमारी देखने को मिलती है. कम एक्सरसाइज, मोटापा, हाइ ब्लड प्रेशर, अनियत्रिंत टाइप 2 डायबिटीज पेशेंट को अल्जाइमर होने का खतरा अधिक होता है.
व्यवहार में यह दिखता है बदलाव
डिप्रेशन आना, लोगों से दूरी बनाने लगना, परेशान रहना, सोने की हैबिट में बदलाव आना, चिड़चिड़ापन होना, किसी भी चीज या काम को लेकर भ्रम की स्थिति रहना शामिल है.
क्या है इलाज
डॉक्टरों का कहना है कि अल्जाइमर को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है. यदि समय पर इस रोग के होने की जानकारी हो जाए तो दवाओं की मदद से इसके बढ़ने की गति को धीमा किया जा सकता है इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें.
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