नई दिल्लीः देशभर में स्वाइन फ्लू की मार है. इससे कई लोगों की असमय मौत भी हो रही है. इसी के चलते लोग स्वाइन फ्लू से बचने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ़ रहे हैं. कई लोग स्वाइन फ्लू को लेकर अफवाहें भी फैला रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी एक ऐसा ही मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि कपूर और इलायची को रूमाल में रखने से स्वाइन फ्लू से बचा सकता है. इस मैसेज में कितनी सच्चाई है इसे जानने के लिए एबीपी न्यूज़ की संवाददाता रत्ना शुक्ला ने डॉक्टर्स से बात की. जानिए, क्या‍ कहना है डॉक्टर्स का.


आयुर्वेद में इस मैसेज को सच करार दिया गया है. दरअसल, कपूर का इस्तेमाल ट्रेडशिनल और मॉडर्न दोनों से दवाओं में सदियों से होता आ रहा है. ऐसे में कपूर और इलायची का कॉम्बिनेशन लोगों को फायदा ही पहुंचाएगा, इसका कोई नुकसान नहीं है. बेशक, स्वाइन फ्लू पर ऐसी कोई रिसर्च नहीं हुई है लेकिन कपूर में मौजूद एंटी-बैक्टीरिया प्रोपर्टीज जीवाणुओं के लिए घातक हैं.


कपूर और इलायची दोनों में ही स्ट्रांग अरोमा पाया जाता है. ये दोनों ही चीजें हवन सामग्री का भी हिस्सा होती हैं. इन दोनों के जलने से पैदा हुआ धुआं एंटी फेगल और एंटी माइक्रोबॉयल होता है. यही वजह है कि हवन के बाद आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है. वहीं घर की से नेगेटिव एनर्जी को दूर रखने के लिए आरती में कपूर जलाया जाता है और लीविंग रूम में कपूर रखने का चलन है.


कपूर और इलायची का इस्तेमाल-




  • कपूर का इस्तेमाल मॉस्किटो रिप्लीयन्ट और सभी तरह की वो चीजें जो मच्छर भगाने में इस्तेमाल होती हैं, में किया जाता है.
    कपूर के बारे में कहा जाता है कि अगर इसे पूरा जलाकर कमरा बंद कर दिया जाए तो इसकी महक में इंसान भी नहीं रह सकता तो ऐसे में माइक्रोब्स और इंसेक्ट्स तो बिल्कुल भी नहीं रह सकते.

  • कपूर की अधिक मात्रा जहरीली होती है. ऐसे में रूमाल में रखकर इसको सूंधने से माइक्रोब्स मरते हैं.

  • सदियों से इन्हेलर और सर्दी-जुखाम में इस्तेमाल होने वाली दवाओं में कपूर का इस्तेमाल होता रहा है क्योंकि इसमें एंटीसेप्टिक इन्फ्लेमेट्री प्रोपर्टीज भी होती हैं. ये बुखार का भी ट्रीटमेंट करता है.

  • 1854 में हैजा की बीमारी को ठीक करने के लिए भी कपूर का इस्तेमाल किया गया था.

  • ट्रेडशिनल मेडिसिन में हार्ट के मरीजों को बहुत थोड़ी मात्रा में कपूर दिया जाता था.

  • अस्थमा या सांस के रोग में कपूर वाइंड पाइप को खोलता है.

  • आजकल दी जाने वाली दवाओं में ये खांसी कम करने और डिकंजेशन के तौर पर इसे दिया जाता है.

  • गौरतलब है कि ये सभी वायरस जनित रोग हैं. यही नहीं इन रोगों को कंट्रोल भी कपूर ही करता है. ऐसे में डॉक्टर्स कहते हैं कि कपूर साथ रखने से बीमारी से बचाव अवश्य होगा.

  • इलायची एक मसाला है जो डिटॉक्सीफाई करने के अलावा ये कोल्ड और कफ के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल होता है. ब्लड क्लोटिंग रोकने के अलावा ये बैक्टीरिया, फंगस और रोग जनि‍त वायरस को पनपने से रोकते हैं. इसे एंटीमाइक्रोबायल इन्फ्लेमेट्री के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में इन दोनों का कॉम्बिनेशन आपको बीमारियों से बचाएगा और फायदा पहुंचाएगा.


नोट: ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.