How To Prevent BF.7 Virus: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने जो तबाही मचाई थी, उसे आज की पीढ़ी ताउम्र नहीं भूल सकती. इंटरनेट और विडियोज में उपलब्ध डेटा आने वाली पीढ़ियों को भी इसके भयावह असर का अंदाजा कराते रहेंगे. कोरोना ने अपने स्तर पर जो डिजास्टर किया, उससे बचने के लिए हमारे देश में कई तरह के उपाय किए गए, जिनका फायदा भी हमें मिला. हमारा देश आयुर्वेद की जन्मभूमि है और हम दवाओं से पहले घरेलू नुस्खे अपनाने वाले लोग हैं. हम कह सकते हैं कि घरेलू नुस्खे हमारे देश की अघोषित संपत्ति है, जो घर-घर में बसी हुई है.
हालांकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एक गलती, जो ज्यादातर लोगों ने की, वो है घरेलू नुस्खों का अत्यधिक उपयोग. जिसके कारण कई लोगों को पाचन, आंत और लिवर संबंधी समस्याएं शुरू हो गईं और इन्हें लंबे उपचार की जरूरत पड़ी. इस बात में कोई शक नहीं है कि घरेलू नुस्खे बहुत प्रभावी होते हैं और कई रोगों की जड़ से छुट्टी कर देते हैं. साथ ही बैक्टीरिया, वायरस के कारण होने वाली बीमारियों से भी बचाते हैं. लेकिन गलत तरीके से इनका उपयोग किया जाए तो सेहत खराब भी हो सकती है. इस बार कोविड प्रिवेंशन के दौरान आप ऐसी कोई गलती ना करें, इसके लिए यहां कुछ जरूरी जानकारी दी जा रही है.
दूसरी लहर के दौरान क्या समस्याएं हुईं?
बहुत अधिक काढ़ा पीने, हल्दी का अधिक सेवन करने, काली मिर्च और लौंग का अधिक यूज करने से बड़ी संख्या में लोगों को कई हेल्थ इश्यूज हुए, जो कोविड की दूसरी लहर खत्म होने बाद अधिक सामने आए. क्योंकि कोरोना की लहर को दौरान लोगों ने घरेलू नुस्खों का सही विधि से उपयोग नहीं किया था. इन लोगों को जो समस्याएं हुई, उनमें सबसे प्रमुख ये हैं...
- आंत में छाले होना
- सीने पर हर समय जलन रहना
- हर समय खट्टी डकार आना
- पेट में दर्द रहना
- खाना निगलने में समस्या होना
- लिवर संबंधी समस्याएं
- बार-बार यूरिन आना
घरेलू नुस्खों को कैसे अपनाएं?
इम्युनिटी बढ़ाने और कोरोना के नए वायरस से अपनी सुरक्षा करने के लिए आप किस घरेलू नुस्खे को कितनी मात्रा में और किस विधि से अपनाएं, यहां जानें...
गोल्डन मिल्क का सेवन
रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए और वायरल, बैक्टीरियल, फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए हल्दी का बहुत अधिक उपयोग किया जाता है. आप हल्दी वाला दूध यानी गोल्डन मिल्क का सेवन करके अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं, जिससे कोविड से बचाव में मदद मिलेगी.
कब और कितनी मात्रा में पिएं हल्दी का दूध?
- एक दिन में एक चम्मच हल्दी उपयोग करना पर्याप्त होता है. इससे अधिक मात्रा में हल्दी का यूज करना है तो आयुर्वेदिक फिजिशियन या डायटीशियन से जरूर कंसल्ट करें.
- हल्दी वाला दूध लेते समय आप एक गिलास दूध में एक छोटी चम्मच हल्दी मिलाएं और इसका सेवन करें.
- आप सुबह या रात में जब भी इस दूध को पिएं, खाना खाने और दूध के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर जरूर रखें.
- दिन में एक बार इस दूध का सेवन काफी होता है. यदि दिन में दो बार हल्दी वाला दूध पीना है तो हल्दी को आधा-आधा चम्मच मात्रा में यूज करें. चीनी की जगह आप गुड़ का उपयोग कर सकते हैं.
- गर्मी के मौसम में भी अगर इस दूध का सेवन करना है तो एक बार से अधिक ना पिएं और हल्दी केवल आधा चम्मच ही यूज करें. क्योंकि हल्दी बहुत गर्म होती है.
काढ़ा कब और कैसे पिएं?
- आमतौर पर काढ़ा कभी भी खाली पेट नहीं पीना चाहिए. नाश्ते या खाने के एक से डेढ़ घंटे बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं.
- एक बार में एक चौथाई कप यानी 1/4 कप से अधिक काढ़ा नहीं पीना चाहिए.
- एक दिन में एक व्यक्ति आधा कप से अधिक मात्रा में काढे़ का सेवन अपनी मर्जी ना से ना करें. डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
- काढ़ा सिर्फ आपको लाभ दे इसके लिए यह जानना जरूरी है कि इसमें यूज होने वाले मसालों की तासीर बहुत गर्म होती है. अगर आपको पहले से कोई बीमारी है या कोई हिडन हेल्थ इश्यू है तो इसके अधिक सेवन से ये समस्याएं बढ़ सकती हैं.
गिलोय का सेवन
गिलोय एक बहुत ही प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है. लेकिन अति हर चीज की बुरी होती है. इसलिए इसके काढ़े या जूस का सेवन भी एक चौथाई कप में ही करना चाहिए. बाकी आप अपने वैद्य से सलाह लेकर ही मात्रा बढ़ाएं.
ड्राई फ्रूट्स का सेवन
इस बात में कोई शक नहीं है कि ड्राई फ्रूट्स रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, शरीर को गर्म रखते हैं और एनर्जी का लेवल भी बनाए रखते हैं. लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन सेहत खराब कर सकता है.
एक वयस्क व्यक्ति एक दिन में अधिकतम कितनी मात्रा में ड्राई फ्रूट्स खा सकता है, यहां जानें...
- 4 अखरोट
- 20 से 30 पानी में भिगोकर रखे गए बादाम
- 4 खजूर
- 2 से 3 केसर
- एक मुट्ठी (हैंडफुल) किशमिश
- 10 से 15 मुनक्का
- इनमें से किसी भी ड्राई फ्रूट का सेवन आप नियमित रूप से करते हैं तो साथ में दूध का सेवन अनिवार्य है. यदि आप दूध नहीं पीते हैं तो दोपहर में एक कटोरी दही जरूर खाएं. साथ में हर दिन 1 से दो केले और संतरा-सेब जैसे मौसमी फल जरूर खाने हैं. ऐसा इसलिए ताकि शरीर में गर्मी ना बढ़े और वात-पित्त-कफ का संतुलन बना रहे.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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