पुरानी खुजली वाली स्थिति एक्जिमा से पीड़ित मरीज जल्द राहत पा सकते हैं. ये संभव हुआ है गठिया की दवा से जो कोविड-19 के इलाज में भी इस्तेमाल की जा रही है. पिछले हफ्ते ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बारिसिटिनिब को मध्यम से गंभीर एक्जिमा के इलाज में मंजूर कर लिया है जो एक मिलियन से ज्यादा ब्रिटिश को प्रभावित करती है.


बारिसिटिनिब का पहले ही गठिया के लक्षणों को कम करने में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ताजा रिसर्च से पता चला है कि ये गंभीर, जीवन के लिए जोखिम कोविड-19 से लड़ने में भी मदद कर सकती है क्योंकि ये 'साइटोकिन स्‍टार्म' को शांत करने में सफल रही. परीक्षण से खुलासा हुआ है कि इसके अलावा दवा एक्जिमा के खराब लक्षणों को कम करने में अत्यंत प्रभावी है और वर्तमान में एचएचएस की लिस्ट में शामिल दवा के मुकाले बहुत कम साइड-इफेक्ट्स की वजह बनती है.


लंदन के शोधकर्ता प्रोफेसर एंथोनी बीवले ने कहा, "एक्जिमा वास्तव में भयानक स्थिति होती है. ये कुरूप है और खुजली असहनीय होती है. निश्चित रूप से ये क्रांतिकारी इलाज है क्योंकि दवा सूजन और खुजली को बंद कर सकती है. पीड़ित कुछ ज्यादा राहत और नींद हासिल करने में सक्षम हो सकेंगे और अपनी स्किन को स्वस्थ देख सकेंगे." एक्जिमा की समस्या छोटे बच्चों में आम है.


वैज्ञानिक इसकी वजहों के बारे में अभी भी अनिश्चित हैं और लक्षण को एलर्जी से जोड़ा जाता है जो खास साबुन या फूड से पैदा होता है. 10 बच्चों में कम से कम एक को एक्जिमा होता है. विशेषज्ञों को विश्वास है कि बारिसिटिनिब की गोली मरीजों को ज्यादा प्रभावी और स्थायी विकल्प मुहैया कराएगी. मानव परीक्षण से खुलासा हुआ कि एक तिहाई से ज्यादा वॉलेंटियर ने दर्द, खुजली और लाल स्किन में कमी पाया, जबकि एक तिहाई में एक्जिमा खत्म हो गया.


एनएचस की नई गाइडलान्स में दवा को मध्यम से गंभीर एक्जिमा के लिए लिखा जा सकेएगा. शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका मतलब हुआ कि 80 हजार ब्रिटिश दवा से फायदा उठा सकते हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि मरीजों को नियमित चेकअप और डॉक्टर की सलाह जरूरी होगा. प्रोफेसर बीवले ने कहा, "एक्जिमा के इलाज की खोज लोगों को असहनीय दर्द और असुविधा से थोड़ी राहत दिलाने का दरवाजा खोलती है."


Hypoglycemia: जानिए लो ब्लड शुगर लेवल के संकेत और लक्षण, काबू पाने के क्या हैं उपाय


Coronavirus: दोबारा संक्रमण का खतरा किन लोगों को ज्यादा होता है? रिसर्च से खुलासा