नई दिल्लीः यूं तो ऑयल मसाज दर्द से निजात दिलाता है लेकिन क्या आप जानते हैं अगर ठीक से ऑयल मसाज ना की जाए तो मरीज को मौत तक हो सकती है. क्यों आप भी पढ़कर चौंक गए ना? जी हां, एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक मां ने अपने बेटे के दर्द को कम करने के लिए मसाज की और गलत तरीके से मसाज करने से बेटे की डेथ हो गई.
क्या है मामला-
एम्स के डॉक्टर्स ने इस बारे में चेतावनी दी है कि गलत तरीके से मसाज जानलेवा हो सकती है. लड़के की उम्र 23 साल थी. ये दिल्ली का रहने वाला था. बैडमिंटन खेलते वक्त रमेश (बदला नाम) के लेफ्ट पैर में चोट लग गई थी. इसके बाद रमेश के पैर में प्लास्टर किया गया. इसके बाद रमेश पैर में दर्द की शिकायत कर रहा था तो इसकी मां ने पैरों की आधे घंटे तक मसाज की. इससे रमेश की वेंस में ब्लड क्लोटिंग हो गई.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट-
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात कन्फर्म हुई कि क्लोटिंग का साइज 5X1cm था. ये पैरों से होते हुए प्लमोनरी आर्टरी (जो कि लंग्स तक ब्लड की सप्लाई करती है) तक पहुंच गया था जिस वजह से डेथ हो गई. पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. चितरंजन बहरा का कहना है कि एंकल में फ्रैक्चर होना आम बात है लेकिन डीप वेंस में क्लोटिंग होना और अचानक डेथ कॉमन नहीं है.
क्या कहना है डॉक्टर का-
डॉक्टर का कहना है कि रमेश को एम्स में रात को 9.30 बजे 31 अक्तूबर को इमरजेंसी में लाया गया था. उस समय रमेश बेहोशी की हालत में था और कुछ भी जवाब नहीं दे पा रहा था. डॉक्टर्स ने उसे बचाने की हर संभव कोशिश की लेकिन सारे एफर्ट बेकार गए.
मसाज के तुरंत बाद हुई ये स्थिति-
डॉ. चितरंजन बताते हैं कि बाद में इस बात का खुलासा हुआ था कि रमेश की मां ने उसे 30 मिनट तक दर्द की शिकायत करने पर मसाज दी थी. इससे अचानक रमेश की सांस उखड़ने लगी और वो अचानक गिर गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि क्लोट उसके पैरों से होता हुआ ब्लड सप्लाई करने वाली आर्टरी तक पहुंच गया था.
कब दी जाती है मसाज-
रमेश की रिपोर्ट हाल ही में मेडिको-लीगल जर्नल में पब्लिश हुई. आमतौर पर जनरल फिटनेस और हल्की–फुल्की हेल्थ प्रॉब्ल्म्स के लिए मसाज दी जाती है. इस मामले में रमेश की मां पैर में दर्द के लिए मसाज करने और उससे होने वाले कॉम्पलिकेशंस को लेकर अंजान थी.
ये केस किसी वॉर्निंग से कम नहीं-
डॉक्टर का कहना है कि हॉस्पिटल में ऐसी कोई भी एडवाइज नहीं लिखी हुई थी कि इफेक्टिड पैर में मसाज करने के क्या इफेक्ट्स और खतरे हो सकते हैं. इस तरह की सलाह लिखी होनी चाहिए थी.एम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन हेड और प्रोफेसर डॉ. सुधीर गुप्ता का कहना है कि रमेश की डेथ को एक वॉर्निंग की तरह लेना चाहिए कि मालिश करने से क्या खतरे हो सकते हैं.
इन लोगों को होती है ब्लड क्लोटिंग-
एम्स के डॉक्टर्स के मुताबिक, 1 लाख में से 70 लोगों के डीप वेंस में ब्लड क्लोट होता है या फिर प्लमोनरी आर्टरी प्रभावित होती है. ऐसा स्केलेटल ट्रॉमा और इम्मोबिलाइजेशन के मरीजों में अधिक देखने को मिलता है. लेकिन डीप वेंस में इस तरह की क्लोटिंग बड़ी उम्र के लोगों, मोटे लोगों, स्मोकर्स और ऐसे लोगों में अधिक देखने को मिलती है जो कंट्रासेप्टिव पिल्स खाना अक्सर छोड़ देते हैं. इसके अलावा उन लोगों में भी ये दिक्कत देखने को मिलती है जो क्रोनिक आर्टरी प्लमोनरी डिजीज से प्रभावित हैं.