गर्मियों के मौसम के बारे में आयुर्वेद में बहुत कुछ लिखा गया है. आयुर्वेद के मुताबिक, ये पित्त का सीजन है. इसी तरह से इंसान की बॉडी में भी तीन तरह के एलीमेंट्स हो सकते हैं. वात(एयर), पित्त (फायर) कफ (वॉटर).गर्मियों का मौसम फायर एलीमेंट्स से भरपूर होता है.
इस मौसम में फायर से कनेक्टिड चीजें बढ़ जाती हैं. जैसे जिनके शरीर में फायर एलीमेंट ज्यादा होता है उनको एसिडिटी बहुत ज्यादा होती है. ऐसे लोगों को लू ज्यादा लगती है. ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ने या घटने लगता है. उनकी बॉडी में रैशेज पड़ने लगते हैं.
गर्मियों में पित्त से खुद को यूं बचाएं-
- पित्त प्रकृति के लोगों में ठंडी तासीर वाले शर्बत को खूब पीना चाहिए. लिक्विड खूब लेना चाहिए. आप आम पन्ना, नारियल पानी और प्लेन वॉटर पी सकते हैं.
- ऐसी चीजें एवॉइड करनी चाहिए जिसमें पित्त ज्यादा हो. जैसे गर्म मसाले, नॉन वेजिटेरियन फूड.
- ऐसा माना जाता है कि जिनको बहुत जल्दी गुस्सा आता है वे पित्त प्रकृति के होते हैं. ऐसे में गर्मी के मौसम में योगा या प्रणायाम करें. शीतली प्रणायाम खासतौर पर पित्त को शांत करता है.
- सलाद और हरी सब्जियां खाएंगे तो भी पित्त शांत होगा.