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आजकल नींद में कार्डिएक अरेस्ट आने के बढ़ रहे हैं मामले, जानिए इस जानलेवा बीमारी से कैसे बचा जा सकता है
आजकल नींद में कार्डिएक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दिल का दौरा पड़ने से पहले शरीर कुछ संकेत देता है जिनको समझ लिया जाए और समय पर इलाज करवाया जाए तो मरीज की जान को खतरा कम हो सकता है.
Sudden Cardiac Arrest: कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest)यानी दिल का दौरा जानलेवा होता है लेकिन अगर नींद में ही कार्डिएक अरेस्ट हो तो जान जाने के खतरे और ज्यादा बढ़ जाते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि हार्ट की बीमारी आनुवांशिक होने के साथ साथ डायबिटीज (diabetes)और मोटापे की वजह से भी तेजी से शिकार बनाती है. खासकर महिलाओं में सोते समय कार्डिएक अरेस्ट के मामलों में पिछले कुछ सालों में तेजी से इजाफा हुआ है. हाल ही में कन्नड़ सिनेमा के एक्टर और सिंगर विजय राघवेंद्र की पत्नी स्पंदना का नींद में ही कार्डियक अरेस्ट के चलते बैंकॉक में निधन हो गया है. ऐसे में जरूरी है कि अगर नींद में कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति आती है तो क्या प्रिवेंशन लिए जा सकते हैं.
नींद में कैसे आता है कार्डिएक अरेस्ट
डॉक्टर कहते हैं कि नींद में हार्ट अटैक की संभावना तब ज्यादा होती है जब मरीज को डायबिटीज, हाईपरटेंशन यानी हाई बीपी और मोटापे की परेशानी होती है. ऐसे में बीपी कई बार रात में बढ़ जाता है और इससे दिल पर दबाव ज्यादा होने से दिल के काम करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है और मरीज को नींद में ही दिल का दौरा पड़ जाता है.
नींद में कार्डिएक अरेस्ट लक्षण
अगर किसी को नींद में कार्डिएक अरेस्ट आता है तो इससे पहले शरीर कुछ संकेत देता है. जैसे मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है. उसे एकाएक तेज पसीना आने लगता है. रात को सोने से पहले अगर छाती में तेज दर्द होता है तो इसे दिल के दौरे का लक्षण समझा जा सकता है. इसके अलावा बाएं हाथ और बाएं कंधे में दर्द और खिंचाव महसूस होना भी दिल के दौरे का संकेत हैं. शरीर में अजीब किस्म की बेचैनी होना, नींद ना आना, घबराहट और बाएं शरीर के हिस्सों में दर्द होना भी हार्ट अटैक के लक्षणों में गिने जा सकते हैं.
कैसे कर सकते हैं बचाव
दिल के दौरे से बचाव के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल को दुरुस्त करने की जरूरत है. खासकर डायबिटीज रोगियों को अपनी लाइफस्टाइल को बिलकुल सही कर लेना चाहिए. मोटापा कम करने के लिए एक्सरसाइज जरूर करें. हर छह माह में या तीन माह में अपने दिल की पूरी जांच करवाएं. हार्ट अटैक के लक्षणों को नजरंदाज ना करें. हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी के मरीज हैं तो कोशिश करें कि समय पर इलाज और दवा करवाते रहें. नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें. जंक फूड से दूर रहें. स्ट्रेस और एंजाइटी के शिकार हैं तो इससे जल्द से जल्द राहत पाने की कोशिश करें. अगर आपके परिवार में दिल के दौरे का इतिहास है तो आपको ज्यादा एहतियात बरतनी चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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