चर्चा में है प्रेग्नेंसी रोक देने वाली ये दवाई, अमेरिका में भी नहीं मिल पाया अप्रूवल? क्यों ये दवाई है अलग
अमेरिका में मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टॉल नाम की गोलियों का इस्तेमाल गर्भपात के लिए किया जाता है. अब कोर्ट के नए फैसले के बाद इन गोलियों को अमेरिका में बैन किया जा रहा है.
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात गोलियों पर बैन लगाने का फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 1973 के रो एंड वेड नामक फैसले को पलट दिया है. 49 साल पहले कोर्ट ने गर्भपात कराने को महिलाओं का वैध अधिकार घोषित किया गया था. जिसमें कोई भी महिला अगर बच्चा नहीं चाहती हैं तो वह गोलियां खाकर गर्भपात कर सकती थीं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका में मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टॉल नाम की गोलियों का इस्तेमाल गर्भपात के लिए किया जाता है. अब कोर्ट के नए फैसले के बाद इन गोलियों को अमेरिका में बैन किया जा रहा है. अमेरिका के कई राज्यों में इन गोलियों पर रोक लगा दी गई है. अब वहां इन गोलियों के डिलीवरी पर रोक लगाने पर विचार चल रहा है. आइए जानते हैं क्योंकि इस दवा को लेकर हंगामा पसरा हुआ है. साथ ही जानते हैं क्यों ये दवाई दूसरे दवाई से है अलग?
मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टॉल क्या है?
13 हफ्ते या उससे कम के गर्भ को गिराने के लिए मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल को यूज किया जाता है. कहा जाता है कि यह बहुत ही इफेक्टिव होता है. अगर कोई औरत 13 हफ्ते से ज्यादा दिन की गर्भवती हैं तो वह भूल से भी इस दवा को न खाएं. किसी भी महिला को अगर गर्भपात करना है तो वह उसके लिए मिफेप्रिस्टोन की 1 गोली और मिसोप्रोस्टोल की 8 गोलियों की जरूरत पड़ेगी. अगर कोई औरत 10-13 सप्ताह के बीच गर्भवती हैं. तो उसे मिसोप्रोस्टोल की 8 गोलियों लेने की सलाह दी जाती है.
मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टॉल दूसरी गर्भनिरोधक गोलियों से अलग है क्या?
यह दवा भी दूसरी गर्भपात दवाओं की तरह ही है. लेकिन इसके डोज काफी ज्यादा होते हैं. जिसके साइडइफेक्ट्स शरीर पर दिख सकते हैं. यह महिलाओं में पाए जाने वाले नैचुरल हॉर्मोन प्रोजेस्टेरोन को ब्लॉक कर देता है. जो प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस दवा के इस्तेमाल से गर्भाशय पर इतना ज्यादा जोड़ पड़ता है कि इससे अबॉर्शन हो जाता है. डॉक्टर से सलाह लिए बिना कभी नहीं इस दवा को खाना चाहिए.
मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल के साइड इफेक्ट्स:
मतली
उल्टी
डायरिया
पेट मे दर्द
गर्भाशय में दबाव
बुखार
सिर चकराना
सुस्ती
अमेरिका क्यों लगाने जा रहा है इन गर्भपात करने वाली गोलियों पर बैन
थिंक टैंक गुटमैशर इंस्टीट्यूट के मुताबिक साल 2020 में अमेरिका में जितने भी गर्भपात हुए हैं. उनमें से 54 प्रतिशत गोलियों के जरिए कराया गया है. साल 2017 तक यह आंकड़ा 39 फीसदी था. यानी इन कुछ सालों में गोलियों के जरिए गर्भपात करने का कल्चर बढ़ा है.
पिछले दिसंबर में एफडीए ने इन गोलियों की ऑनलाइन सप्लाई पर लगी रोक हटा ली थी. तब से टेलीमेडिसीन के जरिए इन गोलियों का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढा है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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