Milk During Acidity: एसिडिटी एक ऐसी आम समस्या है जो कई लोगों को परेशान करती है और यह तनाव, उल्टा-सीधा खाना और लाइफस्टाइल की आदतों जैसे कई कारण से हो सकती है. अक्सर यह सलाह दी जाती है कि जब भी किसी को सीने में जलन हो तो उसे ठंडा दूध पीना चाहिए. हालांकि, एसिडिटी के इलाज के लिए दूध सच में अच्छा है या नहीं इस बात का अभी तक किसी को सही से पता नहीं है. आज इस लेख में आप इसकी हकीकत जानेंगे. एसिडिटी में दूध पीना किन लोगों के लिए फायदा करता हैं और किसके लिए नुकसान करता हैं ये भी जानना जरूरी है. कुछ लोग ये मानते हैं कि दूध पीने से एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती हैं ऐसे में चलिए जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई हैं.
दूध पीने से क्या होता है?
ऐसा माना जाता है कि दूध पेट में एसिड को बेअसर कर सकता है और एसिडिटी से जुड़ी परेशानी से राहत दिला सकता है. दूध में कैल्शियम भी होता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद के लिए जाना जाता है. हालांकि दूध पेट में राहत प्रदान कर सकता है, लेकिन यह एसिडिटी के लिए समाधान नहीं है. एसिडिटी से पीड़ित लोगों के लिए दूध की सिफारिश नहीं करने का एक कारण यह है कि यह वास्तव में कुछ मामलों में समस्या को और भी बदतर बना सकता है. दूध में फैट और प्रोटीन होता है जो पेट में एसिड को बढ़ा सकता है और एसिडिटी के लक्षणों को बढ़ा सकता है. यह सच है अगर आप दूध पीते हैं, जिसमें वसा की मात्रा अधिक होती है. तो दूध पीने से पाचन संबंधी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
इन सब तरीके से एसिडिटी के लक्षणों को कर सकते हैं कम
एसिडिटी के लिए दूध पीने के साथ एक और समस्या यह है कि यह एसिड रिफ्लक्स का कारण बन सकता है. एसिड भाटा तब होता है जब पेट से एसिड एसोफैगस में वापस आ जाता है, जिससे छाती और गले में जलन होती है. तो अगर आप एसिडिटी से पीड़ित हैं तो आपको क्या करना चाहिए? दूध पर निर्भर रहने के बजाय अन्य उपाय भी हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं. एसिडिटी का इलाज करने के सबसे बेस्ट तरीकों में से एक है अपने आहार और लाइफस्टाइल में बदलाव करना. दिन भर में ज्यादा बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करना, मसालेदार से परहेज करना और तनाव को कम करना, ये सभी एसिडिटी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा खूब सारा पानी पीने से आपके पेट में मौजूद अतिरिक्त एसिड को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है और राहत मिल सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.