नई दिल्ली: दोस्ती में लोगों को बहुत कुछ करते देखा होगा लेकिन ऐसी दोस्ती देखी है जिसमें कोई अपना ऑर्गन डोनेट कर दे. जी हां, 44 साल की पूजा भटनागर जो 17 साल से गंभीर लिवर की बीमारी से जुझ रही है. डॉक्टर ने इसी साल मई में बताया कि उन पर अब दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा है और अब उनको सिर्फ ट्रांसप्लांट से ही बचाया जा सकता है.


घरवालों और रिश्तेदारों में डोनर ना मिलने के बाद पूजा निराश हो चुकी थीं. फिर इन्होंने फेसबुक पर डोनर के लिए पोस्टर किया. पूजा के फ्रेंड प्रसन्ना गोपीनाथ फेसबुक पर लिवर डोनेशन की पोस्ट पढ़ कर चेन्नई से दिल्ली लिवर डोनेट करने पहुचें. 21 जुलाई को साकेत के मैक्स हॉस्पिटल में पूजा का ट्रांसप्लांट हुआ और डॉक्टरों के मुताबिक, प्रसन्ना को डिस्चार्ज मिल चुका है और पूजा को एक-दो दिन में हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाएगी.


मैक्स हॉस्पिटल के चीफ लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. सुभाष गुप्ता ने बताया कि अथॉरिटीज ने मरीज और डोनर की फ्रेंडशिप को ध्यान में रखते हुए लिवर डोनेशन का प्रोसेस आगे बढ़ाया. उन्होंने ये भी कहा कि बहुत से ऑर्गन डोनेशन के मामलों में घरवाले तक साथ नहीं देते और ये हैरानी की बात है कि एक दोस्त मदद के लिए आगे आया है.


प्रसन्ना के मुताबिक, 10 साल पहले यूके वेल्स में यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लामॉर्गन में पढ़ते समय वो पूजा और उसके पति के एक साथ फ्लैट शेयर करते थे. पूजा उनके लिए एक परिवार की तरह थी और वो कैसे अपनी दोस्त को सिर्फ एक डोनर के लिए मरने देते.


34 साल के प्रसन्ना चन्नई में एक डॉग ट्रेनर हैं और वे 2009 में अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत वापिस आ गए थे लेकिन उसके बाद भी पूजा और उसके परिवार से संपर्क में थे. पूजा यू.के से लौटने के बाद गुरूग्राम(गुड़गांव) में सैटल है.