Coronavirus Update: कोरोना के कई वेरिएंट द्वारा भारी तबाही मचाने के बाद एक और वेरिएंट नियोकोव के निकलने की बात सामने आने से लोग काफी परेशान हैं. इससे पहले ही लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हुए हैं और भारी संख्या में लोगों की मौत हुई हैं. भारत में डेल्टा वेरिएंट के दौरान हजारों लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने दस्तक दी. इस बीच एक नियोकोव का निकलना एक्सपर्ट के लिए मुसीबत बन गया है.


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नियोकोव को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इसकी क्षमता को और स्पष्टता की आवश्यकता है. चीन के वुहान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार, नियोकोव सार्स-सीओवी-2 की तरह मानव कोशिकाओं में प्रवेश कर सकता है. WHO के अनुसार इसके एनिमल हेल्थ, फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन और यूएन इनवायरोमेंट प्रोग्राम ने इस उभरते हुए नियोकोव वायरस पर नजर रखना शुरू कर दिया है.


जानकारियां जुटाना शुरू


वहीं इस वायरस के संभावित खतरे को लेकर जानकारियां जुटाना शुरू कर दिया है. नियोकोव वायरस कुछ समय पहले दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में पाया गया था. इसकी बनावट लगभग ओमिक्रोन जैसी ही है. जिसने 2012 में दक्षिण एशिया में फैलने वाले संक्रमण ‘मिडिल-ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (MERS) को जन्म दिया था.


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डब्ल्यूएचओ का कहना है कि नियोकोव वायरस मनुष्यों के लिए खतरा है या नहीं, इस सवाल पर और अध्ययन की आवश्यकता है. बताया जा रहा है कि नियोकोव दक्षिण अफ्रिका में चमगादड़ों में पाया गया है. जांच में पाया गया है कि यह वायरस काफी खतरनाक है, इससे संक्रमित हर तीन लोगों में से एक की मौत हो सकती है. हालांकि नियोकोव के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है. इस पर आगे अध्ययन किया जा रहा है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.