नई दिल्लीः आप घने अंधेरे में जंगलों में गए होंगे, थियेटर में गए होंगे, रात के अंधेरे में सोते भी होंगे. लेकिन क्या कभी आपने मुर्दाघर में रात बिताई है? जी हां, हम बात कर रहे हैं एक ऐसी ही महिला की जो एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार मुर्दाघर में मुर्दों के बीच रात बिताकर आ चुकी है.


ये कहानी जून बुर्चेल की है जो गलती से तीन बार मुर्दाघर जा चुकी है. तीनों बार ही डॉक्टर्स ने इन्हें मृत घोषित कर दिया लेकिन अंतिम वक्त में वे फिर जिंदा होकर वापिस आ गईं.


आपको भी पढ़कर थोड़ा अटपटा लग रहा होगा लेकिन ये सच है. जब जून टीनेजर थीं तो हॉस्पिटल जाने के बाद इन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. लेकिन जब उन्हें होश आया तो उन्होंने खुद को मुर्दाघर में मुर्दों के पास लेटे पाया.
इसके बाद अगले साल फिर से उनके साथ वही हु्आ.


बाद में पाया गया कि जून को कैटैप्लेसी नामक बीमारी है जो कि एक रहस्यमयी मेडिकल कंडीशन है. ये बीमारी काफी कुछ नार्कोलेप्सी जैसी ही है. इस बीमारी के तहत जून जब स्‍ट्राग्ली इमोशनल होती हैं तो वे बेहोश हो जाती हैं. ये बेहोशी कुछ घंटों, या दिनों तक की हो सकती है. कैटैप्लेसी दुनिया में सबसे खराब मामलों में से एक है.


जून कहती हैं कि अब उनका डर मृत्यु नहीं है, लेकिन जिंदा दफन किया जाना है. वे अब इस बार से डरती हैं कि कहीं लोग गलती से उन्हें जिंदा ही दफन ना कर दें.


आपको बता दें, दुनिया भर में कैटैप्लेसी से तकरीबन दो लाख लोग ग्रस्त हैं. इस बीमारी पर कई तरह की रिसर्च जारी है.