शरीर की हर चीज ठीक से काम करे यह बेहद जरूरी है. जैसे- हमारी बीपी ठीक से काम कर रही है या नहीं? या यूं कहें कि हमारी बीपी ज्यादा हाई या लो तो नहीं है इसके लिए हमें समय-समय पर इसे चेक करते रहते है. बीपी कई सारी बीमारियों की जड़ हो सकती है. कुछ लोग घर पर ही बीपी चेक करते हैं कि ताकि वह जान पाए कि कहीं यह बढ़ी या घटी तो नहीं है? बीपी को कंट्रोल में रखने के लिए अच्छा खानपान के साथ हमारी लाइफस्टाइल को बेहतर बनाना पड़ता है. बीपी चेक करने का मतलब होता है कि हम शरीर में ब्लड के फ्लो को चेक करते हैं ताकि शरीर में ब्लड ठीक से फ्लो कर रहा है. अगर फ्लो काफी अधिक होता है तो फ्लो तेज यानि हाई बीपी और अगर फ्लो धीमी है तो लो बीपी की शिकायत हो सकती है. शरीर में ब्लड के तेज फ्लो के कारण दिल का दौरा भी पड़ सकता है. हर दिन हॉस्पिटल जाकर बीपी चेक करवाना मुमकिन नहीं है. आज हम आपको घर बैठे बीपी चेक करने का सही तरीक बताएगे.
हाई बीपी और लो बीपी में मापने के नंबर यह होना चाहिए
ब्लड प्रेशर की रेंज 120/80 mmHg होना चाहिए. जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है. तो इस अवस्था को लो बीपी या हाइपोटेंशन कहते है. 140/90 से अधिक बीपी को हाई ब्लड प्रेशर के रूप में माना जाता है.
घर में बीपी मापते समय इन बातों का रखें खास ख्याल
बीपी चेक करते समस अगर हाथ में फड़कन और कंपन शुरू हो जाए तो दूसरे हाथ में बीपी चेक करें.
बीपी के डिवाइस के कलाई बैंड के बीच में ही हाथ बांधें ताकि हाथ सही जगह पर रहे. हाथ को बांधते समय पर टेबल पर ठीक से रख दें. इससे आप सही माप का पता लगा पाएंगे.
बीपी चेक करने से आधे घंटे पहले चाय-कॉफी न पिएं. क्योंकि इससे मेजरमेंट नंबर प्रभावित हो सकती है.
बीपी चेक करवाते समय घर पर भी चेयर पर सीधा बैठें. एक दिन में तीन बार बीपी चेक कर सकते हैं.
बीपी चेक करने से पहले कोई भी दवा न खाएं. अगर आपने दवा ले ली है तो एक घंटे बाद ही बीपी चेक करें
एक्सरसाइज या नहाने के तुरंत बाद बीपी चेक न करें. बीपी लेने से 5-10 मिनट रिलैक्स करें.
एक तय समय पर बीपी चेक करें.
बीपी चेक करते समय बात या गुस्सा न करें.
चेयर पर बैठकर ही बीपी चेक करना चाहए.
हर दिन एक ही समय पर बीपी की जांच करनी चाहिए.