How To Check Lungs Are Healthy or Not:  बढ़ता हुआ प्रदूषण, खराब खानपान और लाइफस्टाइल इन सब के अलावा लगातार स्मोकिंग के कारण फेफड़ों से जुड़ी कई सारी बीमारी हो सकती है. कई बार तो फेफड़ों में होने वाली इंफेक्शन इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि कई सारी गंभीर बीमारियां हो सकती है. 


फेफड़े में अगर किसी भी तरह का इंफेक्शन होता उसके कारण टीबी, अस्थमा, निमोनिया, फेफड़ों का कैंसर, सीओपीडी आदि फेफड़ों की गंभीर बीमारियां हो सकती है. फेफड़ों में खराबी का पता शुरुआत में नहीं चलता है. आज हम बात करेंगे आपका फेफड़ा ठीक से काम कर रहा है या नहीं इसका पता कैसे करें?


 थ्री बॉल्स स्पाइरोमीटर टेस्ट


थ्री बॉल्स स्पाइरोमीटर टेस्ट के जरिए आप आसानी से चेक कर सकते हैं कि आपका हेल्दी ठीक से काम कर रहा है या नहीं. इस टेस्ट में टेस्ट में एक पाइप और 3 प्लास्टिक की बॉल होती है. पाइप में फूंक मारने के बाद तीन बॉल ऊपर की ओर उठ जाते हैं. इससे आपको पता चल जाएगा कि आपका फेफड़ा हेल्दी है. 


Balloon के जरिए टेस्ट
बलून की मदद से भी आप अपने फेफड़ों के फंक्शन का टेस्ट कर सकते हैं. बड़े साइज वाले गुब्बारे को जोड़ डालकर फुलाएं. गुब्बारे की सहायता से फेफड़ों का फंक्शन ठीक से काम कर रहा है . यह आप आसानी से पता लगा सकते हैं. 


सांस रोककर जांच करें
फेफड़ों के फंक्शन को अगर चेक करना है तो आप लंबी सांस रोककर 1-2 मिनट रोककर आप अपने लंग्स को चेक कर सकते हैं. इससे आपको पता चल जाएगा तो फेफड़े हेल्दी है. सांस रोकने में दिक्कत हो रही है तो समझ जाएं कि लंग्स ठीक से फंक्शन नहीं कर रहा है. 


पीईएफआर टेस्ट
लंग्स ठीक से काम कर रहा है कि नहीं यह आप पीईएफआर टेस्ट के जरिए भी पता लगा सकते हैं. इस टेस्ट में फूंक मारनी होती है. अगर आपके फूंक मारने के बाद अगर मीटर ग्रीन होता है तो आपके फेफड़े हेल्दी होने का संकेत है. 


ऐसे काम करता है फेफड़ा


फेफड़े क्या करते हैं? फेफड़े - लोगों में आम तौर पर दो होते हैं. हम ठीक से सांस लें इसलिए इसका ठीक से काम करना बेहद जरूरी है. रेस्पिरेटरी सिस्टम का काम है एक फेफड़ा से गैस अंदर आता है और दूसरे फिल्टर करके बाहर निकालता है.  गैस एक्सचेंज के दौरान, फेफड़े ऑक्सीजन को ब्लड सर्कुलेशन में ले जाते हैं ताकि इसे शरीर के सभी सेल्स और अंगों में पहुंचाया किया जा सके. इससे शरीर को एनर्जी मिलती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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