Omicron Infection: भारत समेत कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ओमिक्रोन को डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है. इसीलिए इसके फैलने की रफ्तार ज्यादा है. हालांकि गनीमत की बात ये है कि ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों में काफी हल्के लक्षण ही नज़र आ रहे हैं. अभी तक ओमिक्रोन के गंभीर मामले कम ही सामने आए हैं. इसके साथ ही एक्सपर्ट का मानना है कि कोरोना के नए वैरिएंट से रिकवर होने वाले मरीजों की इम्यूनिटी लंबे समय तक रहेगी. यानि ओमिक्रॉन से रिकवर होने वाले मरीजों का इम्यूनिटी लेवल अच्छा होगा. ओमिक्रोन से संक्रमित लोगों के शरीर में लंबे समय तक इम्यूनिटी बनी रहेगी, जो उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाने का काम करेगी.


6 महीने तक बनी रहेगी इम्यूनिटी?


हाल ही में सामने आई एक नई रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के नए वैरिएं ओमिक्रॉन से संक्रमित 88 फीसद मामलों में कम से कम 6 महीने तक एंटीबॉडीज शरीर में रहेंगी. एक्सपर्ट का मानना है कि इन एंटीबॉडीज से लोगों को सुरक्षा मिलेगी. मरीज के शरीर में 6 महीने के बाद एंटीबॉडीज का प्रोटेक्शन रेट 74 प्रतिशत तक गिर जाता है. यानि ओमिक्रोन या कोई अन्य वायरस जो आपकी इम्यूनिटी को बेहतर बनाता है, उसी के खिलाफ ये इम्यूनिटी असरदार साबित होती है. हालांकि अन्य लोगों के संक्रमित होने का खतरा फिर भी बना रहता है.


दरअसल ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों के शरीर में एंटी-एन एंटीबॉडीज पाए गए हैं जिससे रिकवर होने के बाद वायरस उनके शरीर पर कोई खास असर नहीं डलता है. यानि अगर आप इस बार ओमिक्रोन से कोरोना से संक्रमित हुए हैं तो आपके शरीर में अच्छी इम्यूनिटी डेवलप हो जाती है, जिससे करीब 6 महीने तक आप कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं.


बूस्टर शॉट भी है असरदार


ओमिक्रॉन जैसे अधिक म्यूटेशन वाले वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कम प्रभावी नजर आ रही है. हालांकि बूस्टर डोज से काफी हद तक प्रोटेक्शन मिल रहा है. वैक्सीन के बाद लोगों की इम्यूनिटी ज्यादा बूस्ट हो रही है. ऐसे में कोरोना का नया वायरस ज्यादा गंभीर नहीं हो रहा है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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