कब्ज एक आम पाचन समस्या है जो किसी भी व्यक्ति को रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर सकता है. कब्ज को ठीक करने के लिए आधुनिक और पारंपरिक दोनों तरह के कई उपाय हैं. आयुर्वेदक के मुताबिक कब्ज से छुटकारा चाहिए तो गर्म दूध में घी मिलाकर पीने से काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ठीक से काम करता है?


कब्ज क्यों होता है?


कब्ज कई कारणों से हो सकता है, जिसमें खराब डाइट, फाइबर की कमी, डिहाइड्रेशन, खराब लाइफस्टाइल और तनाव शामिल हैं. इसे अनियमित मल त्याग या मल त्याग में कठिनाई के रूप में परिभाषित किया जाता है. जिसके साथ अक्सर पेट में असुविधा और सूजन होती है. जबकि ओवर-द-काउंटर दवाएं राहत प्रदान कर सकती हैं, नैचुरल इलाज के जरिए आपको आराम मिल सकता है. 


आयुर्वेद में घी (स्पष्ट मक्खन) को एक हेल्दी फैट  माना जाता है जो शरीर को पोषण देता है. इसे खाने से पाचन अच्छा होता है और आंतों को चिकनाई देता है. दूसरी ओर, दूध को एक शांत, पौष्टिक पेय के रूप में देखा जाता है जो पेट को शांत करता है और संतुलित पाचन तंत्र को बनाए रखने में मदद करता है. माना जाता है कि ये दोनों तत्व एक साथ मिलकर कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं.


गर्म दूध में घी डालकर पीना होता है फायदेमंद


आयुर्वेदिक चिकित्सक अक्सर सोने से पहले एक चम्मच घी के साथ गर्म दूध पीने की सलाह देते हैं। यह संयोजन एक प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करता है, जो नरम मल और चिकनी मल त्याग को बढ़ावा देता है. कई रिसर्च के मुताबिक घी के संभावित पाचन लाभों का समर्थन करते हैं. विशेष रूप से इसके ब्यूटिरिक एसिड सामग्री के कारण. एक रिसर्च में पाया गया कि ब्यूटिरिक एसिड आंत की गतिशीलता को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है. जो कब्ज से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है.


आंत को चिकना करना: घी में स्वस्थ वसा भरपूर मात्रा में होती है जो पाचन तंत्र को चिकना कर सकती है. जिससे मल का निकलना आसान हो जाता है. यह कठोर मल या पुरानी कब्ज वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है.


पाचन में सुधार: घी में ब्यूटिरिक एसिड होता है, जो एक शॉर्ट-चेन फैटी एसिड है जो लाभकारी बैक्टीरिया को खिलाकर और सूजन को कम करके आंत के स्वास्थ्य का समर्थन करता है. यह बदले में नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है.


आंत पर असर: गर्म दूध का पेट और आंतों पर सुखदायक प्रभाव पड़ता है. जो पाचन तंत्र में मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकता है. जिससे मल का आसानी से निकलना संभव हो जाता है.


चयापचय में वृद्धि: दूध और घी का संयोजन चयापचय और पाचन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. जो सुस्त मल त्याग वाले व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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