Fastfood Craving: टेस्टी होता है फास्टफूड या कहिए कि बहुत अधिक टेस्टी होता है फास्टफूड. क्योंकि इसे देखते ही अपनी क्रेविंग को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. भूख ना कहकर हम क्रेविंग (Craving) यानी लालसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि फास्टफूड देखते ही वो लोग भी इस पर टूट पड़ते हैं, जिनका पेट पहले से भरा हुआ होता है और बिल्कुल भूख नहीं होती! फास्टफूड को लेकर ऐसा क्रेज सिर्फ हमारे देश में नहीं, बल्कि धीरे-धीरे पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ रही है. हां, हमारे लिए अधिक दुख की बात इसलिए है क्योंकि हमारे यहां लोकल फूड ही इतना अच्छा होता है, जो स्वाद के साथ सेहत भी देता है. फिर भी हम अपने परंपरागत स्वाद को भुलाकर हानिकारक मैदा, फैट और पाम ऑइल से भरपूर फास्टफूड के पीछे भाग रहे हैं.
फास्टफूड स्वाद बदलने और मूड बनाने के लिए खाया जाए तो कोई समस्या की बात नहीं. लेकिन युवाओं ने तो इसे अपनी डेली लाइफ का हिस्सा बना लिया है और अब छोटे बच्चे भी इसी दिशा में बढ़ रहे हैं. इस कारण सिर्फ सेहत खराब होने की चिंता नहीं बल्कि पीढ़ियां खराब होने की चिंता हेल्थ एक्सपर्स्ट को सता रही है. क्योंकि हर रोज फास्टफूड खाने वाले बच्चों को शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पा रहा है और उनमें हड्डियां कमजोर होना, मसल्स कमजोर होना और कई तरह की मानसिक बीमारियां बढ़ रही हैं.
ज्यादातर केस में सिर्फ यही बताया जाता है कि फास्टफूड शरीर को नुकसान पहुंचाता है (Fastfood and Health). लेकिन ये आपके शरीर पर कैसे असर डालता है, सेहत संबंधी किस तरह की समस्याएं आपके सामने खड़ी करता है, इस बारे में यहां जानें...
सिर में दर्द रहना
जो लोग फास्टफूड अधिक मात्रा में खाते हैं या रेग्युलर बेसिस पर खाते हैं, उन्हें अक्सर सिर में दर्द होने की शिकायत हो जाती है. यह समस्या किसी में कम किसी में ज्यादा देखने को मिल सकती है. सिर दर्द की वजह होता है, फास्टफूड का अधिक सॉल्टी होना. ज्यादातर फास्टफूड में सोडियम बहुत अधिक मात्रा में होता है (Why fastfood is unhealthy).
त्वचा संबंधी समस्याएं
यूथ और टीनेजर्स जो भर-भरकर फास्टफूड खाते हैं, उन्हें त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं. खासतौर पर ऐक्ने और पिंपल्स होना. क्योंकि फास्टफूड कार्ब्स भरपूर मात्रा में होता है. जो स्किन में ऐक्ने, पिंपल और ब्रेकआउट्स की समस्या खड़ी करता है.
दांतों में दर्द
यह बात आपको हैरान कर सकती है लेकिन जो लोग फास्टफूड के रेग्युलर इटर होते हैं, उनके दांतों की उम्र जरा कम होती है और दांतों में कई तरह की समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फास्टफूड में सॉल्ट-शुगर और कार्ब्स हाई परसेंटेज में होते हैं और ये सब मिलकर जो एसिड प्रड्यूस करते हैं, वो दांतों की बाहरी परत को बहुत लगभग बर्बाद कर देते हैं, जिससे दांतों में कैविटी की समस्या होने लगती है.
शॉर्टनेस ऑफ ब्रीद
जल्दी-जल्दी सांस आना या कहिए सांस का छोटा होना. यही भी एक समस्या है, जो फास्टफूड खाने वाले लोगों को होती है. ऐसा होने की कई वजह होती हैं, जैसे शरीर को पोषण ना मिलने के कारण होनेवाली कमजोरी, ऊर्जा की कमी और वजन का बढ़ना इत्यादि. ऐसा होने पर थोड़ा-सा फिजिकल वर्क करने से भी सांस फूल जाता है.
हार्ट डिजीज
फास्टफूड का डेली सेवन सिर्फ बीमारी नहीं बनाता बल्कि जानलेवा भी हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फास्टफूड के डेली इटर्स को हार्ट डिजी होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इसकी वजह होता है शरीर में कॉलेस्ट्रॉल का जमा होना और बीपी बढ़ना.
बहुत आम है यह समस्या
बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें फास्टफूड खाने के बाद भी फैट बढ़ने की समस्या नहीं होती है. ऐसा इनकी अनुवांशिकता और मेटाबॉलिज़म के कारण हो सकता है. जबकि ज्यादातर लोगों के शरीर में एक्स्ट्रा कैलरीज और अनहेल्दी फैट जाने के कारण मोटापा बढ़ता जाता है, जो कई बीमारियों को जन्म देता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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