फ्रेयरनेस क्रीम को लेकर अक्सर यह दावा किया जाता है कि इस लगाते ही   आप गोरे और सुंदर हो जाएंगे. लेकिन क्या आपको पता है यह आपको फ्री में गंभीर बीमारी का भी शिकार बना सकती है. आज आपको बताएंगे फेयरनेस क्रीम के कई सारे साइडइफेक्ट्स होते हैं. साथ ही यह भी बताएंगे इस क्रीम में कौन-कौन सा केमिकल मिला हुआ होता है. फेयरेनस क्रीम में काफी ज्यादा खतरनाक केमिकल मिला हुआ होता है. जो सेहत पर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ता है. 'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक चार में से तीन महिलाएं बिना ब्लीच वाली क्रीम का इस्तेमाल करती है. ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस का दावा है कि महिलाएं चेहरे पर होने वाले काले धब्बे को छिपाने और चेहरा का ग्लो बढ़ाने के लिए फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करती हैं. 


झाईयां त्वचा को खराब करती है. यह शरीर के कई हिस्सों पर हल्के भूरे रंग के धब्बे को लगाती है. झाइयां आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को होती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फ्रेयरनेस क्रीम का सीधा असर हमारे शरीर में मौजूद मेलेनिन पर असर डालता है. यह धीरे-धीरे मेलेनिन को कम कर देता है. 


मेलेनिन कम करने के ये तरीके


फेयरनेस क्रीम


केमिकल एक्स्फोलिएटिंग- इससे त्वचा की ऊपरी परत धीरे-धीरे उतर जाती है.


लेजर ट्रीटमेंट- ये ख़ासा महंगा इलाज है


किस तरह से फ्रेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए?


क्रीम में दो तरह के ब्लीचिंग एजेंट हाइड्रोक्विनोन या कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स पाए जाते हैं. रिसर्चर के मुताबिक  क्रीम में हाइड्रोक्विनोन का स्तर 4% से कम होता है. वहीं खुजली की समस्या भी हो सकती है. वहीं खुजली से परेशान लोगों को कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या टॉपिकल स्टेरॉइड्स दिए जाते हैं. फेयरनेस क्रीम को चेहरे के बजाय हाथ़-पैर पर लगाना चाहिए. सबसे खास बात यह है कि इसे आंखों के चारों ओर नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि इससे जलन हो सकती है.  ज्यादा वक्त तक क्रीम का इस्तेमाल करने से चेहरे पर जलन, सूजन, त्वचा पर दरारे पड़ने जैसे साइड-इफेक्ट हो सकते हैं. 


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