Wearing Sunglasses For Eyes Health:सनग्लासेस हमेशा से ही एक स्टाइल का सिंबल रहा है, जबसे सनग्लासेस का ईजाद हुआ है लोग इसे फैशन के तौर पर ही लगाते हैं. ज्यादा कूल औऱ स्मार्ट लगना है तो लोग गॉगल का ही सहारा लेते हैं. 2 हजार साल पहले से लैब्राडोर,क्यूबेक नूनावुत और उत्तर पश्चिमी प्रदेशों और अलास्का के क्षेत्रों में इसे एक कल्चर के तौर पर कुछ शाही लोगों द्वारा धूप की रोशनी और बर्फ से अंखों को बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. वहीं बाजार में अब रंग बिरंगे नए स्टाइल के चश्मे मौजूद हैं, जो न सिर्फ फैशन स्टेटमेंट रहे हैं बल्कि अब डॉक्टरों ने इस से लगाना अनिवार्य मान लिया है.


धूप का चश्मा लगाना जरूरी क्यों मानते हैं डॉक्टर्स


डॉक्टर के अनुसार, धूप का चश्मा पहनना आंखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपना अधिकांश दिन धूप में बाहर बिताते हैं.धूप का चश्मा हानिकारक पदार्थों और सूर्य के प्रकाश में मौजूद पराबैंगनी विकिरण के प्रभाव से आंखों की रक्षा करता है.अमेरिकन आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर के अनुसार यूवी रेज के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इन्हें देखा नहीं जा सकता और यह सीधे आपकी आंखों में पेनिट्रेट होती है. खास तौर पर उस समय जब सूरज की रोशनी अपने चरम पर होती है,इसलिए तेज धूप में सनग्लासेस जरूर पहने. यूवी रेज आंखों में मौजूद प्रोटीन को डैमेज करती है. अगर यह प्रोटीन लंबे समय तक डैमेज होता रहे तो मोतियाबिंद आंशिक, अंधापन आंखों में चकत्ते यानी मैक्यूला का जन्म हो सकता है.


किन लोगों के लिए जरूरी है धूप का चश्मा


"डॉक्टर्स कहते हैं कि जो लोग लंबे समय तक सूरज के संपर्क में रहते हैं, खासकर वे लोग जो पहाड़ों में रहते हैं और खेती, मछली पकड़ने और खेल गतिविधियों जैसी बाहरी गतिविधियों में लगे रहते हैं, उन्हें आंखों की कई समस्याएं हो सकती हैं.ऐसे लोगों की आंख ड्राई हो सकती है.समय के साथ मोतियाबिंद और क्लाउड लेंस विकसित हो सकता है और यही सेंट्रल रेटीना के सबसे संवेदनशील हिस्से के खराब होने का कारण बन सकता है बहुत से लोगों की आंखों के सफेद हिस्से पर पीले या गुलाबी रंग के निशान हो सकते हैं जो कॉर्निया पर भी बढ़ सकते हैं.धूप का चश्मा पहनने से न केवल आंखें स्वस्थ रहती हैं बल्कि आंखों के आसपास जल्दी मोतियाबिंद कॉर्नियल डिजेनरेशन,  सूखी आंखें, रेटिनल क्षति और त्वचा कैंसर के विकास का खतरा कम होता है.


सनग्लासेस पोलराइज्ड नेचर का होता है. सनग्लासेस के ऊपर एक स्पेशल केमिकल अप्लाई किया जाता है जिससे लाइट फिल्टर होकर आपकी आंखों तक पहुंचता है.सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोकने में अधिक प्रभावी है.डॉक्टर कहते हैं कि धूप के चश्मे के ऊपर टिंट होना मायने नहीं रखती, लेकिन यह एक ही यूवी फिल्टर होना जरूरी है


सनग्लासेस लगाने के फायदे



  • सूरज की तेज रोशनी में माइग्रेन का सिरदर्द की समस्या बढ़ सकती है, इससे बचने के लिए आप अच्छी क्वालिटी का सनग्लासेस पहन सकते हैं. अगर आप धूप का चश्मा ले रहे हैं तो गहरे रंग के लेंस को चुने और अच्छी क्वालिटी का सनग्लासेस खरीदें.

  • यह बादलों के मौसम में भी यूवी किरणों को आंखों के अंदर जाने से रोकता है, रेटिनल क्षति, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा को रोकता है.

  • लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहने से आंखों के आसपास की त्वचा को कैंसर होने का खतरा अधिक होता है, इसलिए, यह उसे भी रोकता है.

  • यह प्रदूषण और धूल के सीधे संपर्क में आने से रोकता है और आंखों की सतह को स्वस्थ रखता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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