अगर आपका वजन काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल अच्छी रखनी होगी. ऐसी स्थिती में सबसे जरूरी है कि आप अपनी किडनी का खास ख्याल रखें. साथ ही लाइफस्टाइल में कुछ खास बदलाव करें. गुर्दे में पथरी होना एक आम बात है.
मोटापे और किडनी स्टोन में क्या है कनेक्शन
'इंडिया टीवी' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मोटापे और गुर्दे की पथरी के बीच संबंध के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि शायद ही कभी गुर्दे की पथरी पारिवारिक कारणों से हो सकती है जो एक गैर-परिवर्तनीय जोखिम कारक है, हालांकि, गुर्दे की पथरी के सामान्य कारणों में से एक मोटापा है जो एक खतरनाक जोखिम है.
खानपान का रखें खास ख्याल
गुर्दे की पथरी का निर्माण गलत खान-पान की आदतों जैसे कि अधिक मात्रा में नमक, ट्रांस फैट, प्रोसेस्ड फूड, पैकेज्ड फूड, जंक फूड, अत्यधिक रेड मीट और कम पानी पीने के कारण होता है. ताजी सब्जियां और फल खाने से किडनी में होने वाले पत्थर को कंट्रोल किया जा सकता है. इसलिए किसी भी व्यक्ति को अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए. शरीर के हिसाब से पर्याप्त पानी जरूर पीना चाहिए.
किडनी स्टोन से बचने का तरीका और इलाज
मोटापे और बार-बार गुर्दे की पथरी बनने वाले मरीजों के लिए सही डाइट की योजना बनाने में एक अच्छा डाइट विशेषज्ञ बहुत मददगार होता है. ज्यादातर लोग फिजिकल एक्टिविटी करते ही नहीं है. जिसके कारण तेजी से मोटापा बढ़ने लगता है. इसलिए रेगुलर एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है. हद से ज्यादा बढ़ा हुआ वजन कई बीमारियों का कारण बन सकता है. साथ ही साथ किडनी की पथरी के जोखिम को भी बढ़ा सकता है.
छोटे साइज की किडनी स्टोन अपने आप निकल जाती है
किडनी में होने वाली छोटे-छोटे स्टोन वह अपने आप निकल जाते हैं और खानपान सही रहे तो दोबारा होते भी नहीं है. हालांकि, किडनी में होने वाली बड़े साइज की पथरी काफी ज्यादा खतरनाक रूप ले लेती है. उसे फिर ऑपरेशन करके ही हटाया जा सकता है. हालांकि यह इलाज उतना प्रभावी नहीं होता है. जिन मरीजों की बार-बार किडनी में पथरी बनती है उन्हें खास तरह के इलाज की जरूरत पड़ती है.
शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द होने के क्या कारण हैं?
गर्दन में दर्द की वजह आपका जिद्दी स्वभाव या किसी बात को लेकर लचीला न होना है. अगर आपको रीढ़ की हड्डी के ऊपरी हिस्से में अकड़न और दर्द महसूस होता है, तो समझ लीजिए कि आप अंदर से नेगेटिव होते जा रहे हैं. अगर आप अपनी जिंदगी में कोई बड़ा फैसला लेने में डर लगे, तो आपको कूल्हों में दर्द महसूस हो सकता है. पैसों की चिंता आपको पीठ दर्द दे सकती है. कोहनी में दर्द इस बात का संकेत है कि आप नए अनुभवों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. इन बातों का जिक्र करने का मतलब है कि शरीर के साथ-साथ आपको अपने दिल और दिमाग की भी सुनने की जरूरत है. आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं कि इस तरह के दर्द का समाधान कैसे निकाला जाए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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