(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हार्ट अटैक आने के कितनी देर बाद सीपीआर मिलने से बच सकती है जान, जरूर जान लें ये बात
सीपीआर के जरिए ऑक्सिजिनेटेड ब्लड यानी ऑक्सीजन ले जाने वाले ब्लड को ब्रेन की सेल्स तक पहुंचाते रहते हैं. इससे ब्रेन सेल्स डेड नहीं हो पाते हैं.
CPR in Heart Attack : पिछले 10 दिन के भीतर घटी दो घटनाओं ने सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) पर चर्चा एक बार फिर से बढ़ा दिया है। पहली घटना आगरा कैंट जीआरपी थाने की है, जहां 16 सितंबर को 1 मिनट तक CPR देकर हेड कांस्टेबल ने बुजुर्ग की जान बचा ली.
दूसरी घटना दिल्ली के धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की है, जहां कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित एक 63 साल की महिला को 45 मिनट तक सीपीआर देकर फिर से जिंदा कर दिया गया. कुछ दिनों पहले इटली में करीब 6 घंटे तक लगातार सीपीआर देकर एक शख्स की जान बचा ली गई थी. ऐसे में सवाल उठता है कि हार्ट अटैक के कितनी देर बाद सीपीआर देने से जान बच सकती है. जानिए एक्सपर्ट्स से जवाब...
CPR से क्या जान बचाई जा सकती है
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. सड़क हादसे भी आजकल बढ़ गए हैं, ऐसे में सीपीआर देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है. सीपीआर अचानक कार्डियक अरेस्ट आने पर लाइफ सेविंग की तरह काम करती है. इसकी जानकारी न होने के चलते बहुत से लोगों की जान चली जाती है.
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CPR किसी की जान कैसे बचा लेता है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हार्ट अटैक आने के बाद 5 मिनट में सीपीआर देना शुरू कर देना चाहिए. इसके जरिए ऑक्सिजिनेटेड ब्लड यानी ऑक्सीजन ले जाने वाले ब्लड को ब्रेन की सेल्स तक पहुंचाते रहते हैं. इससे ब्रेन सेल्स डेड नहीं हो पाते और हार्ट को वापस अपनी स्थिति में चलने के लिए स्टिमुलेट करते रहते हैं. इससे काम करना छोड़ चुकी हार्ट की पल्स फिर से शुरू हो जाती है.
CPR देते समय क्या करें
सीपीआर बेसिक लाइफ सपोर्ट का एक पार्ट है, जिसकी मदद से हार्ट और लंग्स को पूरी तरह जिंदा रखा जाता है. इसमें सेफ्टी का ध्यान रखना चाहिए. कार्डियक अरेस्ट होने पर मरीज का रिस्पॉन्स देखते हैं कि वह जिंदा है या बेहोश हुआ है. अगर वह रिस्पॉन्स नहीं देता है तो मेडिकल हेल्प तुरंत लेनी चाहिए. अस्पताल पहुंचने तक मरीज की पल्स रेट जरूर चेक करें. गले से भी पल्स (केरोटेड पल्स) को चेक करते रहें. ये पल्स हर 10 सेकेंड में चेक करना होता है. अगर केरोटेड पल्स और सांस नहीं मिल रही तो चेस्ट को कम्प्रेसन यानी दबाएं. यह भी सीपीआर का ही हिस्सा होता है.
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CPR देने की प्रक्रिया क्या है
1. मरीज को हार्ड सरफेस यानी सख्त जमीन पर लिटाएं.
2. मरीज का शरीर आपके घुटनों के पास होनी चाहिए.
3. सीपीआर देने वाले शख्स के दोनों कंधे मरीज के चेस्ट पर रखें.
4. मरीज के दोनों चेस्ट के बीच हथेली से दबाएं.
5. सीपीआर देने वाले व्यक्ति के दोनों हाथ सीधे होने चाहिए.
6. 1 मिनट में 100-120 बार कम्प्रेसन यानी चेस्ट को दबाएं.
7. 30 बार चेस्ट दबाने के बाद दो बार मुंह से सांस दें. अगर मुंह से सांस न देना चाहें तो चेस्ट दबाना जारी रखें.
8. चेस्ट 2 से 2.4 इंच तक ही दबाएं. इससे उसे रिकॉल करने का मौका मिलता है.
हार्ट अटैक आने के कितनी देर बाद देना चाहिए CPR
हाल ही में आई एक स्टडी में बताया गया कि अगर किसी को हार्ट अटैक आने के 1 मिनट के अंदर सीपीआर दे दिया जाए तो उसके बचने की संभावना 22% होते हैं, जबकि अगर किसी को 39 मिनट बाद सीपीआर देते हैं तो यह सिर्फ 1% ही होता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन साइंटिफिक सेशन 2013 में जापानी रिसर्चर ने बताया कि मरीज को 30 मिनट के अंदर सीपीआर देने से उसके ब्रेन फंक्शन के लिए अच्छा होता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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