भारत में कुपोषण एक बड़ी समस्या है, खासकर बच्चों में. इसे कम करने के लिए मिड-डे मील (MDM) योजना चलाई जा रही है. इस योजना का मकसद स्कूल जाने वाले बच्चों को पौष्टिक खाना देना है.  इससे बच्चों की हेल्थ बेहतर होती है और वे पढ़ाई में भी अच्छा करते हैं. इस योजना से लाखों बच्चे कुपोषण से बच रहे हैं और उनकी हेल्थ में सुधार हो रहा है. आइए, जानें कि MDM से कितने बच्चों को लाभ  हो रहे हैं और यह उनकी हेल्थ में कैसे सुधार रहा है. 


भारत में कुपोषण एक गंभीर समस्या है, खासकर बच्चों में. इसे कम करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें से एक मिड-डे मील (MDM) योजना है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों को पौष्टिक खाना उपलब्ध कराना है. इससे न केवल बच्चों का हेल्थ बेहतर होता है, बल्कि उनकी पढ़ाई में भी सुधार होता है. 


MDM से कितने बच्चे हो रहे हैं लाभान्वित?
MDM योजना के तहत हर रोज लाखों बच्चों को स्कूल में दोपहर का खाना दिया जाता है. इस योजना से लगभग 12 करोड़ बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं. इससे कुपोषण की समस्या में काफी हद तक कमी आई है. जो बच्चे पहले कमजोर और बीमार रहते थे, अब वे ज्यादा हेल्दी और सक्रिय हो गए हैं. 


कैसे सुधारती है MDM बच्चों की सेहत?



  • बैलेंस डाइट : MDM के तहत दिए जाने वाले भोजन में जरूरी विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन होते हैं. इससे बच्चों की पोषण की जरूरतें पूरी होती हैं और उनका शारीरिक विकास सही तरीके से होता है.

  • प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना: पौष्टिक खाना खाने से बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ती है. इससे वे बीमारियों से लड़ने में सक्षम होते हैं.

  • मानसिक विकास: अच्छी सेहत से बच्चों का मानसिक विकास भी अच्छा होता है. इससे उनकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार होता है, जो पढ़ाई में मददगार होता है.

  • शारीरिक विकास: रोजाना पौष्टिक आहार से बच्चों का वजन और ऊंचाई सही तरीके से बढ़ती है. इससे वे ज्यादा सक्रिय और ताकतवर महसूस करते हैं.

  • स्कूल में उपस्थिति: MDM के कारण बच्चों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ी है. अब वे ज्यादा उत्साह से स्कूल आते हैं और पढ़ाई में दिलचस्पी लेते हैं. 


 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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