'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक  एमपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया गया है. पिछले दो साल में यह दूसरी बार है कि WHO ने एमपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ पब्लिक  इमरजेंसी घोषित की है. WHO का यह ऐलान डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगों में वायरल इंफेक्शन के बढ़ने के कारण इस तरह की घोषणा की गई है. एमपॉक्स का वायरस अब कांगो के पड़ोसी देशों में फैल गया है. एमपॉक्स वही इंफेक्शन है जिसके मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता है. 


एमपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया


बता दें कि WHO ने 2 साल पहले जब एमपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था तो यह बीमारी पूरी दुनिया में फैलने लगी थी. इस बीमारी का असर सबसे ज्यादा उन लोगों पर दिखाई दिया था जो व्यक्ति यौन संबंधित किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं. WHO ने बीमारी को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू किया . साथ ही सुरक्षित यौन संबंध और बड़े लेवल पर लोगों को वैक्सीन लगाए गए. 



फिलहाल एमपॉक्स का सबसे ज्यादा प्रकोप कांगो में देखने को मिल रहा है. अफ्रीका में यह बीमारी भयावह रूप ले रहा है. लोगों को इंफेक्शन से बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. कांगो में साल 2023 में अब तक 27 हजार केस सामने आ चुके हैं. वहीं 1100 मरीजों की मौत हो गई थी. एमपॉक्स के गिरफ्त में आने वाले ज्यादातर बच्चे है. एमपॉक्स से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रेग्नेंट महिला और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग. खासकर जिन लोगों को यौन संबंधित बीमारी है उन्हें भी यह बीमारी जल्दी होती है. कांगों में एमपॉक्स के दो स्ट्रेन तेजी से फैल रहे हैं. 


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मंकीपॉक्‍स से निपटने के लिए किए जा रहे उपाय


देश इस तरह के अलग-थलग यात्रा से संबंधित मामले से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए कड़े उपाय किए गए हैं. जिसके लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्‍यों को जरूरी गाइडलाइंस जारी की हैं. साथ ही राज्‍यों को कोरोना वायरस की चुनौती के बीच अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.


जानिए कैसे फैलता है मंकीपॉक्‍स?


पिछले दिनों हुई स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में यह बात सामने आई थी कि मंकीपॉक्स का सामान्यतः 2-4 सप्ताह का संक्रमण होता है और रोगी आमतौर पर सहायता संबंधी प्रबंधन से ठीक हो जाते हैं. संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क से और आमतौर पर यौन संपर्क, शरीर, घाव के तरल पदार्थ के साथ सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़े, चादर का इस्तेमाल करने से होता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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