नई दिल्ली: कोरोना वायरस इंसानी त्वचा पर नौ घंटे तक जीवित रह सकता है. यह बात एक अध्ययन में सामने आई है. शोधकर्ताओं ने इन्फ्लुएंजा वायरस और नोवल कोरोना वायरस के तुलनात्मक अध्ययन के बाद नतीजा निकाला है. उन्होंने कहा कि इन्फ्लुएंजा ए वायरस (आईएवी) इंसानी त्वचा पर दो घंटे जीवित रह सकता है. जबकि कोरोना वायरस के त्वचा पर रहने का समय नौ घंटा है.


इंसानी त्वचा पर कोरोना वायरस नौ घंटे रहता है-शोध


शोध को पत्रिका ‘क्लिनिकल इंफेक्शस डिजीज’ में प्रकाशित किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों ही वायरस हैंड सेनेटाइजर से निष्क्रिय हो जाते हैं. यह निष्कर्ष कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए हाथ धोने या सेनेटाइजर का उपयोग करने के महत्व को बताता है. शोधकर्ताओं में जापान के क्योटो प्रीफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिक भी शामिल थे.


अनुसंधानकर्ताओं ने पत्रिका में लिखा है, ‘‘नोवेल कोरोना वायरस के इंसानी त्वचा पर नौ घंटे जीवित रहने से आईएवी  की तुलना में संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए हाथ की स्वच्छता जरूरी है.’’


देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 69 लाख हुई


भारत में एक दिन में कोविड-19 के 70 हजार 496 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 69 लाख से ज्यादा हो गई है. वहीं, देश में करीब एक महीने बाद इलाजरत मरीजों की संख्या नौ लाख से कम हो गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह 8 बजे जारी अपडेट आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 69 लाख से ज्यादा हो गई है.


भारत में पिछले 24 घंटे के अंदर 964 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर एक लाख को पार कर गई. आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमण से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है. अब तक 59 लाख से ज्यादा लोगों ने कोरोना वायरस संक्रमण को मात दिया है.


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