इंडियन घरों में खाने का कोई भी खास समय नहीं है. जब मन किया तब खा लो. साथ ही साथ ज्यादातर भारतीय कैलोरी गिनने में अक्सर पीछे रह जाते हैं.  एक आम देसी परिवार दिन में दो से तीन बार लोग खाना खाते हैं. इसमें चाय और चाय के साथ स्नैक्स कितनी बार लेते हैं उसकी कोई गिनती नहीं है. आज हम इस पर विस्तार से बात करेंगे कि क्या एक दिन में 4 बार खाना खाना ठीक है?


दिन में तीन बार खाना खाना सही है?


ज्यादातर लोग दिन में तीन बार खाना खाते ही हैं. क्या आप जानते हैं नाश्ता इंडियन खाने का अहम हिस्सा नहीं था? 14वीं शताब्दी तक भारत में सुबह जल्दी भोजन करना आम बात नहीं थी. भोजन केवल दोपहर के आसपास शुरू होता था और उसके बाद रात का खाना था. जो दोपहर के भोजन से हल्का होता था.


नेक्स्टजी एपेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और सीईओ अमरनाथ हलम्बर ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चूंकि आबादी में मुख्य रूप से भूमि-स्वामी किसान और संग्रहकर्ता शामिल थे. इसलिए यह तरीका उनके लिए सबसे अच्छा था. जैसे-जैसे अधिक भारतीयों को खेतों, घरों और कारखानों में काम मिलना शुरू हुआ. खाने की आदतें बदल गईं. जो कभी बच्चों, बुजुर्गों या अस्वस्थ लोगों के लिए सही था. वह कई श्रमिकों के लिए एक दिनचर्या बन गया. क्योंकि वे अपने दिन की शुरुआत जल्दी नाश्ते से करते थे. 19वीं सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी के आगमन के साथ ही चाय- कॉफी और नाश्ते को जरूरी बना दिया गया है. खासकर एलिट क्लास लोगों के लिए यह बेहद जरूरी हो गया है. 


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क्या खाने का यह सही तरीका है?


दुबई स्थित पाक पोषण विशेषज्ञ और समग्र स्वास्थ्य कोच ईशांका वाही कहती हैं एक पुरानी भारतीय कहावत है, दो वक्त की रोटी, दो वक्त खाना होता है. इसलिए दिन में दो से ढाई खाना पर्याप्त होना चाहिए. इसका मतलब है कि तीन बड़े खाने के बजाय नट्स जैसे छोटे नाश्ते के साथ दो मेन कोर्स होना चाहिए. 


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हम भारतीयों के लिए खाना एन्जॉय करने का तरीका है. लेकिन खाना को कंट्रोल करना हम भारतीयों के लिए बहुत मुश्किल की बात है. जब हम खाना खाते हैं तो खाते हैं. इसमें कार्ब्स कंट्रोल करना बहुत मुश्किल की बात है. भारत बड़े पैमाने पर शाकाहारी है, कई लोग प्रोटीन के लिए दालों और डेयरी पर डिपेंड करते हैं. दाल - मुख्य प्रोटीन स्रोत - में प्रोटीन की तुलना में अधिक कार्बोहाइड्रेट होते हैं.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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