नयी दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज यातायात पुलिस और स्थानीय सरकार से पूछा कि अगस्त के बाद से प्रदूषण फैलाने वाले कितने वाहनों की जांच की गयी और उन पर जुर्माना लगाया गया.



कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग और यातायात पुलिस से यह सूचना मांगी है. अदालत ने अधिकारियों से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के संबंध में कानून और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने संबंधी कार्ययोजना के बारे में भी पूछा है.

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच का मांगा आंकडा-  
पीठ ने कहा कि यदि अधिकारी प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का निरीक्षण कर वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने में सक्षम हुये तो शहर की हवा की गुणवत्ता में सकारात्मक सुधार होगा. अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश के दौरान प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच का आंकडा भी मांगा है.

इन जगहों के पुलिस थाने से मांगी है रिपोर्ट-
उच्च न्यायालय ने दरियागंज, धौला कुआं आईएसबीटी, आनंद विहार, नेहरू प्लेस, राजा गार्डन, नांगलोई, लक्ष्मी नगर और मुकरबा चौक पुलिस थाने के अधीन पड़ने वाले क्षेत्र में पुलिस द्वारा जांच और निरीक्षण किये गए वाहनों की जानकारी भी मांगी है.

पीठ ने कहा है कि दिल्ली सरकार की जगह वह स्वयं यातायात चालान, सार्वजनिक शौचालयों की उपलब्धता और सीवर के काम करने जैसे मुद्दों की निगरानी कर रही है .

सुनवाई की अगली तारीख है 30 नवंबर-
अदालत ने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को आदेश दिया कि यह जानकारी मामले की सुनवाई की अगली तारीख 30 नवंबर को मुहैया करायें.

अदालत एक गैर सरकारी संगठन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.