Monkeypox Virus Symptoms: कोरोना वायरस के बाद एक दूसरा कहर मंकीपॉक्स (monkeypox virus)के रूप में दुनिया भर में फैल रहा है. आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है और ये वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि मध्य पूर्वी देशों से ये चंद ही दिनों में करीब 17 देशों में पैर पसार चुका है. चिंता की बात ये है कि मंकीपॉक्स वायरस (monkeypox virus risks)अब दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप में भी दस्तक दे चुका है और भारत में भी इसके मामले सामने आए हैं.


 ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट ने जनता को जागरुक करते हुए इसके लक्षणों (monkeypox virus symptoms)की पहचान करने की अपील की है ताकि इससे बचाव किया जा सके और समय पर इलाज मिल सके. चलिए यहां जानते हैं कि मंकीपॉक्स कितना खतरनाक है और इसके लक्षण किस तरह दिखते हैं. साथ ही ये भी जानेंगे कि इससे बचाव (how to prevents monkeypox)कैसे किया जा सकता है.


मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स कोरोना यानी कोविड की तरह ही एक वायरल संक्रमण है और इसके कई लक्षण भी कोविड की तरह ही दिखते हैं. मंकीपॉक्स के मरीज को सबसे पहले लक्षण के रूप में बुखार होता है. आमतौर पर लोग इसे सीजनल फ्लू समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. बुखार के साथ साथ मरीज मरीज को खांसी भी होती है और बार बार मतली उल्टी भी होती है. मरीज की त्वचा पर दाने दिखने लगते हैं.


पीठ और मसल्स यानी मांसपेशियों में दर्द होने लगता है. मरीज थकान और सुस्ती महसूस करता है और उसे सिर में दर्द रहने लगता है. त्वचा पर दाने मवाद से भरने लगते हैं और उनमें खुजली होने लगती है. मरीज के मलाशय में सूजन आ जाती है जिससे उसे यूरिन पास करने में भी दिक्कत होने लगती है.


कैसे फैलता है मंकीपॉक्स  
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि संक्रमित मरीज के घाव, दाने या उसके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीजों के संपर्क में आने से फैलता है. कोरोना की तरह ये वायरस हवा में आसानी से नहीं फैल सकता है. अगर कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स से इन्फेक्टेड है तो उसके घावों को छूने, घावों से निकलने वाले द्रव के संपर्क में आने, मरीज के कपड़े, बिस्तर, बर्तन और अन्य सामान के संपर्क में आने से ये संक्रमण दूसरों में फैल सकता है. किसी गर्भवती मां के जरिए ये वायरस उसके बच्चे तक फैल सकता है. इतना ही नहीं यौन संबंध के जरिए भी इसके फैलने की आशंका जताई जा रही है.


मंकीपॉक्स से कैसे हो सकता है बचाव  
दुनिया इस बात से डर रही है कि कहीं मंकीपॉक्स की वजह से भी लॉकडाउन ना लग जाए. लेकिन डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मंकीपॉक्स कोरोना जितना घातक नहीं है. इससे बचा जा सकता है. इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. सामाजिक दूरी बनाएं,खासकर संक्रमित व्यक्ति से काफी दूरी बनाकर रखें.


बार बार हाथों को साबुन से धोएं ताकि संक्रमण ना हो. संक्रमित लोगों को उनकी इस्तेमाल की गई चीजों को ना छुएं. अपनी त्वचा को ढक कर रखें. जानवरों से दूरी बनाकर रखें. जानवरों खासकर चूहों और प्राइमेट्स यानी बंदरों से दूरी बनाकर रखें. यौन संबंध बनाते समय सुरक्षा का ध्यान रखें.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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