Molnupiravir Covid Medicine: देशभर में COVID-19 मामलों के दोबारा बढ़ने के बीच केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drug Standard Control Organization) की चयन विशेषज्ञ समिति (Select Expert Committee) ने आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल के लिए एक एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरवीर को मंजूरी दी है. लाइफ सेविंग मेडिसन कही जा रही प्रसिद्ध मोलनुपिरवीर (Molnupiravir) को पहले अमेरिका के ड्रग कंट्रोलर एफडीए और ब्रिटेन के MHRA ने वयस्कों में COVID-19 के इलाज के लिए मंजूरी दे दी थी और अब भारत में इस दवा को मंजूरी मिलना कोविड मैनेजमेंट के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है.


इस दवा की मंजूरी के बाद देश में बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक मैनकाइंड फार्मा बड़े पैमाने पर मोलनुपिरवीर को बनाने में जुट गई है. कंपनी का दावा है कि जल्द ही बाजार में उपलब्ध होने वाली उनकी इस दवा की कीमत 35 रुपये प्रति कैप्सूल होगी और पूरे कोर्स की कीमत 1400 रुपये रहेगी, जो बाजार में सबसे किफायती होगी. कंपनी के एक और दावे के मुताबिक इनकी इस दवा की शेल्फ लाइफ यानि एक्सपायर होने का समय भी 18 महीने का है, जो दूसरी कंपनियों की इस दवा के मुकाबले सबसे बेहतर है. ध्यान रखना जरुरी है कि वैसे ये दवा Prescribed medicine है और इसे बिना डॉक्टर की सलाह और पर्चे के नहीं लिया जा सकता और न ही इसे गर्भवती महिलाओं और 18 साल से कम उम्र के लोगों को दिये जाने की इजाजत है.


ये भी पढ़ें- Health Tips: Office में ना करें महिलाएं इन फूड्स को खाने की गलती, बिगड़ सकती है सेहत


कैसे काम करती है मोलनुपिरवीर


डॉक्टर्स के मुताबिक कोविड के हल्के संक्रमण वाले व्यक्तियों में यह एंटीवायरल टैबलेट कोरोना वायरस का लोड कम करने में सहायक है. शरीर में वायरस का लोड कम होने से ये मरीज के शरीर में बीमारी के लक्षणों को कम कर देती है. डॉक्टर्स का मानना है कि अस्पतालों पर मरीजों की संख्या का बोझ कम करने और गरीब देशों में बढ़ते कोविड संक्रमण पर अंकुश लगाने में यह मददगार हो सकती है. इस गोली से महामारी के खिलाफ लड़ाई के मजबूत होने की भी उम्मीद है.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.