How Obesity Affect Pregnancy: ओबेसिटी यानी कि मोटापा कई तरीके से सेहत पर भारी पड़ता है. ये फिजिकल हेल्थ के लिए जितना खतरनाक है उतना ही खतरनाक मेंटल हेल्थ के लिए भी है. इसके बावजूद लोग इस तकलीफ को इग्नोर करते हैं. जिसकी वजह से मोटापा और दूसरी तकलीफों का कारण बनता चला जाता है. खासतौर से उन महिलाओं के लिए जो कंसीव करना चाहती हैं लेकिन मोटापे का शिकार है. ये मोटापा मां बनने के सपनों के बीच बड़ा रोड़ा बन कर सामने आता है.
प्रेग्नेंसी पर मोटापे का असर
ज्यादा बीएमआई यानी कि बॉडी मास इंडेक्स होने से ओव्यूलेशन की प्रक्रिया गड़बड़ हो सकती है. इसकी वजह से कंसीव करना मुश्किल हो जाता है.
असफल आईवीएफ का खतरा
ओबेसिटी की शिकार महिला पर आईवीएफ भी कारगर होगा या नहीं, कहा नहीं जा सकता.
मिसकैरिज का खतरा
ओबेसिटी से पीड़ित महिलाओं के लिए ये सबसे बड़ा खतरा होता है. हो सकता है उनका गर्भ गिर जाए. या, फिर बच्चा मृत ही पैदा हो.
हार्ट से जुड़ी समस्या
कोई प्रेग्नेंट महिला ओबेसिटी की शिकार है तो उसे हार्ट डिजिज या कार्डियोवस्कूलर डिजिज होने की आशंका बढ़ जाती है.
सोने में दिक्कत
ओबेसिटी से पीड़ित महिला को सोने में दिक्कत हो सकती है. ओबेसिटी से पीड़ित प्रेग्नेंट महिला को स्लीप एपेनिआ हो सकता है. जो गंभीर अवस्था में जानलेवा भी हो सकता है.
दूसरे ऑर्गन्स को तकलीफ
ओबेसिटी के साथ साथ कंसीव करना शरीर के दूसरे अंगों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. लिवर, किडनी जैसे जरूरी ऑर्गन ओबेसिटी के चलते किसी तकलीफ का शिकार हो सकते हैं.
सांस लेने में दिक्कत
ओबेसिटी के साथ साथ प्रेग्नेंसी होने पर सांस लेने में दिक्कतें हो सकती हैं. वैसे ही ओबेस यानी कि मोटापे से पीड़ित लोगों को सांस लेना मुश्किल होता है. गर्भावस्था में ये समस्या और भी गंभीर हो सकती हैं.
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