दिल की बीमारियां इन दिनों तेजी से बढ़ रही है. खासकर नौजवानों की जिस तरह से हार्ट अटैक की वजह से मौत हो रही है वह काफी ज्यादा डराने वाली है. ऐसे में हार्ट अटैक को लेकर जागरूक करना बेहद जरूरी है. सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि हार्ट अटैक आने पर बीपी कितना होता है? दूसरे सबसे अहम सवाल यह कि जिन लोगों को बीपी की समस्या होती है तो क्या फ्यूचर में वह हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं. साथ ही बीपी और हार्ट अटैक के बीच क्या कनेक्शन है इस आर्टिकल में इसके बारे में भी बात करेंगे. 


हार्ट अटैक से पहले बीपी कितना होता है


हेल्थ एक्सपर्ट से लेकर डॉक्टर्स का मानना है कि बीपी को कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है नहीं तो इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है. एक नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 के बीच होनी चाहिए. अगर बीपी इससे ऊपर जाता है तो  140 mmHg और 90 mmHg तो हाई बीपी माना जाता है. जब ऐसी स्थिति बनती है तो हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है. 


हाई बीपी और दिल की बीमारी में क्या संबंध है


दिल ब्लड को पंप करने का काम करता है. ऐसी स्थिति में बीपी होता है. जब बीपी बढ़ता है तो हार्ट अटैक का डर बढ़ जाता है. क्योंकि इस दौरान दिल का काम बढ़ जाता है. सीने में दर्द, सांस लेने में जोखिम बढ़ने लगता है. यहां तक कि कभी-कभी धमनी भी फट जाती है. बीपी दिल की बीमारी के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है. इसलिए हमेशा अपने बीपी को कंट्रोल में रखें नहीं तो आप गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं. 


बीपी कंट्रोल कैसे रखें


सबसे पहले पूरी नींद लें ताकि आपका बीपी हाई न हो. कई बार ऐसा देखा गया है कि जो लोग अपनी नींद पूरी नहीं करते हैं उनका बीपी हाई हो जाता है. 


स्ट्रेस कम लें ताकि आपका बीपी कंट्रोल में रहे. 


बीपी को कंट्रोल में रखने के लिए नमक कंट्रोल में ही खाएं


प्रोसेस्ड फूड, आचार या हाई सोडियम वाले खाने न खाएं क्योंकि यह भी आपकी सेहत खराब कर सकती है. 


डाईट में ढेर सारी सब्जी और फल को शामिल करें.


रोजाना 30 मिनट वॉक जरूर करें.


आप अपनी लाइफस्टाइल और खानपान को ठीक से रखेंगे तो आप बीमारियों, हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचे रहेंगे.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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