Lumpy Skin Disease Virus: लंपी वायरस एक संक्रामक रोग हैं, जिससे सबसे ज्यादा प्रभावित गाय होती हैं. पिछले साल गायों में इस वायरस के बड़ी संख्या में मामले देखे गए थे. अब एक बार फिर कई इलाकों में लंपी वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. कई गायों की इसके चलते मौत भी हो गई है. लंपी वायरस एक तरह का स्किन डिजीज है, जो त्वचा में गांठ बनने से शुरू होता है. आपने कुछ अवारा गायों की स्किन पर गांठें जरूर देखी होंगी और सोचा होगा कि आखिर ये क्या है. दरअसल यही लंपी वायरस है, जो एक लाईलाज बीमारी है.
यह वायरस स्वस्थ पशुओं और दुधारू गायों को भी अपना निशाना बना सकता है. लंपी वायरस के प्रभाव से गायों के शरीर के लगभग सभी हिस्सों पर मोटी-मोटी गांठें बन जाती हैं, जो घाव बनाने लगती हैं. इसको मेडिकल लेंग्वेज में गांठदार त्वचा रोग वायरस यानी 'एलएसडीवी' कहा जाता है. किसी पशु में इस बीमारी के कुछ लक्षण देखने को मिलते हैं, जिनपर गौर करना जरूरी है...
1. बुखार आना
2. आंखों से पानी निकलना
3. लार बहते रहना
4. शरीर पर गांठें उभरना
5. पशु का वजन घटना
6. भूख न लगना
7. शरीर पर मोटे-मोटे घाव बनना
8. दूध कम देना
लंपी वायरस से पीड़ित गाय का दूध पी सकते हैं?
ऐसा माना जाता है कि लंपी वायरस मच्छर, मक्खी, परजीवी कीट, गंदा पानी, दूषित भोजन या संक्रमित पाशुओं की लार के कॉन्टैक्ट में आने की वजह से पशुओं में फैलता है. लंपी वायरस को लेकर लोगों के मन में यह डर रहता है कि क्या इस वायरस से पीड़ित पशुओं का दूध पिया जा सकता है या नहीं? कहीं संक्रमित पशुओं का दूध पीने से इंसानों मे यह बीमारी तो नहीं फैल जाएगी?
अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल आते हैं तो हम आपको बता दें कि अभी तक लंपी वायरस के इंसानों में फैलने के मामले नहीं देखे गए हैं. हालांकि अगर आप कच्चा दूध पीते हैं तो ऐसी गलती बिल्कुल न करें, खासकर जब बात लंपी वायरस से इन्फेक्टेड पशुओं के दूध की हो. दूध चाहे किसी भी पशु का हो, हमेशा उबालकर ही पीना चाहिए. क्योंकि उबालने से दूध में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद मिलती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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