Pregnancy Care Tips: पत्नी प्रेग्नेंट है तो पति को ऐसे करना चाहिए सपोर्ट, बढ़ जाएगा आपके रिश्ते में प्यार
Pregnancy: परिवार में नए सदस्य के आने की खबर से लेकर उसके स्वागत के समय तक एक अलग तरह की एक्साइटमेंट रहती है. प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलिवरी के बाद सबकुछ ठीक हो इसके लिए यहां बताई गई बातें ध्यान रखें
Lookafter tips During Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान एक गर्भवती स्त्री क्या खाती है, कैसे माहौल में रहती है, क्या अनुभव करती है और क्या सोचती है, इन सभी बातों का असर उसके पेट में पल रहे बच्चे के ऊपर पड़ता है. यही कारण है कि कुछ बच्चे बहुत शांत और हंसमुख होते हैं जबकि कुछ बच्चे चिड़चिड़े और गुस्सैल होते हैं. जाहिर है कि हर पैरंट्स यही चाहते हैं कि हमारा बच्चा हंसमुख और खुशमिजाज हो. इसलिए जरूरी हो जाता है कि आप प्रेग्नेंसी के दौरान अपनी पत्नी का अतिरिक्त ध्यान रखें. ताकि वह हर तरह के स्ट्रेस से एकदम फ्री रहें...
1. डायरी मेंटेन करें
बच्चे की चाह रखने वाले कपल्स के लिए प्रेग्नेंसी की न्यूज घर का माहौल खुशनुमा कर देने वाली होती है. कुछ सप्ताह तो बस इस खुशी को सेलिब्रेट करने में ही निकल जाते हैं और फिर शुरू होता है डॉक्टर्स के अपॉइंटमेंट्स का सिलसिला. आपकी पत्नी के लिए डॉक्टर ने क्या सलाह दी है, कुछ मेडिसिन्स बताई हैं तो कब और कैसे लेनी हैं, कितने दिन बाद चेकअप के लिए जाना है, डायट कैसी लेनी है, किन चीजों को अधिक खाना है और किनसे परहेज करना है, इन सभी बातों के पॉइंट्स बनाकर डायरी मेंटेन रखें.
2. न्यूट्रिशन और डायट
प्रेग्नेंसी के दौरान न्यूट्रिशन और डायट का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है. यूं तो हमेशा ही हेल्दी डायट लेनी चाहिए ताकि आप स्वस्थ रह सकें. लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान प्रेग्नेंट महिला जो कुछ भी खाती है, उसका सीधा-सा असर पेट में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. यूं तो डॉक्टर आपको सही डायट बता ही देती हैं. लेकिन आप अपनी जानकारी के लिए भी याद रखें कि आपको आयरन, कैल्शियम, फॉलिक एसिड, विटामिन-डी, विटामिन-ए और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्वों की सबसे अधिक जरूर होती है.
इन पोषक तत्वों की प्राप्ति के लिए आप डेली डायट में ये फूड्स जरूर शामिल करें
- हरी सब्जियां
- हरी फलियां
- ताजे फल
- पनीर
- अंडा
- दूध
- सूखे मेवे खासतौर पर बादाम और अखरोट
कई बार ऐसा होता है जब शरीर में किसी पोषक तत्व की अधिक कमी हो जाती है तो इस स्थिति में सिर्फ भोजन के माध्यम से उसकी कमी पूरी नहीं हो पाती है. इस स्थिति में आपको सप्लिमेंट्स की जरूरत होती है. इसलिए डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-बी12, फॉलिक एसिड, मैग्निशियन, ओमेगा-3 के सप्लिमेंट्स लेने पड़ सकते हैं. इनके लिए मेंटली तैयार रहें और इन्हें किसी तरह की कॉम्लिकेशन की दवाएं समझकर घबराएं नहीं. अपनी पत्नी की ताकत बने और इन्हें ये सभी बातें समझाएं.
खुद को तैयार करें
पत्नी के साथ ही आपको भी इस बात के लिए मेंटली तैयार होना है कि घर में आने वाले नए सदस्य को आपकी पूरी अटैंशन चाहिए होगी. अकेले आपकी पत्नी सारी जिम्मेदारी नहीं उठा पाएंगी. ऐसे में पहले से परिजनों से बात करके रखें. पैरंट्स और रिलेटिव्स की गाइडेंस लें और देखें कि उस समय पर कौन आपके सपॉर्ट के लिए आ सकता है.
डिलिवरी के बाद महिलाएं अक्सर पोस्टपार्टम डिप्रेशन के दौर से गुजरती हैं. इस समय में इन्हें मेंटल और इमोशनल सपॉर्ट की बहुत जरूत होती है. इसके बारे में जानकारी रखें. यदि पत्नी गुमसुम रहने लगे, उनकी भूख कम हो जाए, नींद ना आए या चिड़चिड़ाहट और घबराहट जैसी समस्याएं बढ़ जाएं तो इन्हें अनदेखा ना करें. डॉक्टर से जरूर बात करें. सब आसानी से कंट्रोल हो जाता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: जल्दी नींद लाने में मदद करती हैं ये ट्रिक्स, रात को बेड पर जाने से पहले अपनाएं
यह भी पढ़ें: हम अपने लाडलों को नहीं दे पा रहे मुफ्त की ये चीज, नरम और टेढ़ी बन रहीं बच्चों की हड्डियां
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )