Leech Therapy: भारत में भी अब लीच थेरेपी करवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. एक ही नहीं, कई फायदों या कई शारीरिक दिक्कतों से निजात पाने के लिए इन थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्किन से जुड़ी दिक्कतों से लेकर मुहांसों, गंजापन आदि के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है. इसके साथ ही वर्जिनिटी वापस पाने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो रहा है. तो आज हम आपको बताते हैं कि लीच थेरेपी आखिर होती कैसे है और किन किन दिक्कतों के लिए इसका इस्तेमाल होता है.
क्या होती है लीच थेरेपी?
लीच का मतलब होता है जोंक. यह एक खास तरह से जोंक की थेरेपी होती है. आप सोच रहे होंगे कि जोंक तो खून चूसने का काम करती है. वैसे इस थेरेपी में भी कुछ ऐसा ही होता है. लीच थेरेपी के जरिए शरीर से बेकार खून निकाला जाता है और खराब ब्लड को अलग करके किसी बीमारी का इलाज किया जाता है. लीच थेरेपी को हिरुडोथेरेपी (hirudotherapy) भी कहा जाता है. इस थेरेपी में लीच को इंसान का शरीर पर चिपकाया जाता है. इस थेरेपी की पूरी प्रकिया कुछ इस तरह से होती है. जैसे शरीर के जिस पार्ट में आपको लीच थेरेपी करवानी है उस पार्ट में लीच को चिपका दीजिए और फिर लीच अपने लार से उस एरिया के ब्लड को प्यूरीफाई करने का काम करती है. आप ब्लड प्यूरीफाई का अच्छा तरीका मान सकते हैं. यह थेरेपी लगभग 40 मिनट तक चलती है.
किस किस काम में आती है ये थेरेपी?
लीच थेरेपी सिर्फ एक ही नहीं, कई तरीके से काम करती है. इस थेरेपी के जरिए शरीर के कई हिस्सों की बीमारियों को ठीक किया जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके जरिए आर्थराइटिस, डायबिटीज, सुनने की दिक्कत, आंखों की दिक्कत, ब्लड प्रेशर, किडनी की दिक्कत, माइग्रेन, स्किन की बीमारियों को ठीक किया जाता है.