Depression Cases Increase In Winter: दिवाली के बाद गुलाबी सर्दी का मौसम शुरू हो जाएगा. मौसम में जैसे-जैसे ठंडक बढ़ेगी वैसे ही डिप्रेशन के केस भी बढ़ने लगेंगे. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि सर्दी के मौसम में आत्महत्या के केस बड़ी संख्या में बढ़ जाते हैं. इसका कारण डिप्रेशन ही होता है.


हम यहां बात कर रहे हैं कि आखिर सर्दियों में डिप्रेशन क्यों बढ़ता है और कौन-से घरेलू तरीके अपनाकर आप इस समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं...


सर्दी में क्यों बढ़ जाते हैं डिप्रेशन की मरीज?


सर्दी के मौसम में डिप्रेशन के मरीज बढ़ने का कारण जब हमने मैक्स हॉस्पिटल के सीनियर सायकाइट्रिस्ट डॉक्टर राजेश कुमार से पूछा तो इन्होंने इसके दो मुख्य कारण बताए. उनका कहना है 'सर्दी में डिप्रेशन बढ़ने का कारण सीधे तौर पर मौसम से जुड़ा हुआ होता है. पहली वजह तो डिप्रेशन बढ़ने की यह होती है कि इन दिनों में सनलाइट की टाइमिंग घट जाती है, इस कारण ब्रेन में सेरेटोनिन हॉर्मोन का सीक्रेशन प्रभावित होता है. यह एक मूड लाइटनिंग हॉर्मोन होता है, जिसे हैपी हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है. यह ब्रेन के लिए न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में भी काम करता है और मूड को सीधे तौर पर अफेक्ट करता है, इसक स्तर कम होने से मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर पड़ता है और डिप्रेशन के लक्षण बढ़ने लगते हैं. इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (seasonal affective disorder) भी कहा जाता है. '


'दूसरा कारण यह है कि सर्दी हमारे शरीर के लिए एक स्ट्रेस की तरह होती है. ठंड के असर को कम करने के लिए शरीर खुद को गर्म रखने का प्रयास करता है. इसके लिए शरीर को अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट को बर्न करना होता है और जब शरीर में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में बर्न होता है तो कार्टिसोल का उत्सर्जन यानी सीक्रेशन बढ़ जाता है. कार्टिसोल एक नेगेटिव हॉर्मोन है, जो डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार होता है. इस कारण सर्दी में जब कार्टिसोल की मात्रा शरीर के अंदर बढ़ने लगती है तो बड़ी संख्या में लोग उदास और डिप्रेस्ड फील करने लगते हैं.'


डिप्रेशन के लक्षण 



  • अक्सर मन उदास रहना, कुछ समझ ना आना और किसी काम में मन ना लगना

  • अपने मनपसंद काम करने की भी इच्छा ना होना

  • हर समय था हुआ और ऊर्जाहीन महसूस करना

  • बहुत अधिक नींद आना यह हर समय सोने की इच्छा होना

  • हर समय क्रेविंग होना खासतौर पर कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन की इच्छा होना और वजन बढ़ना

  • किसी काम में ध्यान ना लगना, फोकस की कमी होना

  • आत्मविश्वास की कमी होना और हर गलत चीज के लिए खुद को दोषी मानना

  • कभी-कभी जीने की इच्छा खत्म हो जाना और आत्महत्या के विचार मन में आना


डिप्रेशन से बचने के लिए क्या करें?



  • अधिक से अधिक समय नैचरल लाइट में बिताने का प्रयास करें.

  • सोने और जागने का समय निश्चित रखें.

  • नेगेटिव थॉट्स से बचने के लिए मेडिटेशन करें. 

  • योग क्लास अटैंड करें या डांसिंग क्लास जॉइन कर लें.

  • अपनी हॉबीज पर ध्यान दें. 

  • सप्ताह में कम से कम एक दिन किसी भी खुले स्थान जैसे गार्डन या पार्क में जरूर घूमने जाएं.

  • हर उस चीज से दूरी बना लें, जिससे आपको नेगेटिविटी आती हो.

  • जरूरत होने पर सायकाइट्रिस्ट से जरूर मिलें. क्योंकि इस स्थिति में हॉर्मोनल सीक्रेशन को बैलंस करने के लिए अक्सर दवाओं की या थेरेपीज की जरूरत हो जाती है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


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