How to differentiate between sinus and covid infection: बरसात का मौसम यानी कोल्ड, कफ और फ्लू का मौसम. कुछ समय पहले तक लोग इसे इतनी गंभीरता से नहीं लेते थे और ये सीजनल समस्याओं की तरह ट्रीट की जाती थी. लेकिन कोरोना के आने के बाद से चीजें बहुत बदल गई हैं. अब तो किसी को जरा भी खांसी, जुकाम या बुखार होता है तो दिमाग सबसे पहले कोरोना पर जाता है.


कई बार ये कोविड नहीं होता लेकिन अंतर समझना मुश्किल होता है. कुछ यही हाल साइनस के साथ भी होता है. इसके और कोविड इंफेक्शन के ज्यादातर लक्षण इतने मिलते-जुलते हैं कि दोनों में भेद कर पाना मुश्किल होता है. हालांकि इन प्वॉइंट्स की मदद ली जा सकती है.


क्यों होते हैं एक जैसे लक्षण?


साइनस इंफेक्शन तब होता है जब नाक के अंदर एयर फिल्ड पॉकेट्स जिन्हें साइनस डक्ट कहते हैं में सूजन आ जाती है. इस ब्लॉकेज के कारण म्यूकस निकल नहीं पाता. इसमें फंसा बैक्टीरिया इंफेक्शन फैला देता है.


कोरोना वायरस में भी कंजेशन और सिर दर्द साइनस डक्ट में सूजन के कारण ही होता है. एक अंतर ये है कि साइनस इंफेक्शन सामने आने में समय लगता है जैसे कम से कम दस दिन जबकि कोरोना के लक्षण जल्दी दिख जाते हैं.




क्या है दोनों में कॉमन –


दोनों ही समस्याएं होने पर जो एक जैसे लक्षण सामने आते हैं वे हैं – बहती या बंद नाक, सिर दर्द, गले में खराश, खांसी, बुखार और थकान.


इसके अलावा कुछ लक्षण जो साइनस में होते हैं कोविड में नहीं इस प्रकार हैं – गालों के ऊपर, सिर पर या आंखों के अंदर प्रेशर फील होना, पोस्ट नेज़ल ड्रिप, दांत में दर्द, सांस में बदबू और नाक से अलग रंगों का लिक्विड निकलना.


वे लक्षण जो कोविड में होते हैं लेकिन साइनस में नहीं –


अब बात करते हैं उन लक्षणों की जो कोविड में दिखायी देते हैं लेकिन साइनस इंफेक्शन के दौरान नहीं होते – सांस न आना या सांस लेने में दिक्कत होना, शरीर और ज्वॉइंट्स में पेन, डाइजेसन से संबंधित समस्याएं होना, स्वाद और गंध का जाना.




दूसरी जरूरी बात यह है कि चाहे समस्या कोई भी हो अगर सांस नहीं आ रही, चेस्ट में प्रेशर या पेन महसूस हो रहा है, नाखून, स्किन और लिप्स ग्रे कलर के हो रहे हैं या जागने में समस्या हो रही हो तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें. 


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