How To Help Acid Attack Victim: अगर एसिड हमला हो जाए या किसी केमिकल से जल जाए तो फौरी तौर पर क्या घरेलू उपचार करना चाहिए?
How To Help Acid Attack Victim: एसिड हमला हो जाए या किसी केमिकल से आप जल जाएं तो सबसे पहले घर में यह उपचार जरूर करें. ज्यादा नहीं तो थोड़ा आराम जरूर मिलेगा.
How To Help Acid Attack Victim: दिल्ली के द्वारका में महज 17 साल की स्कूल स्टूडेट्स लड़की के ऊपर एसिड से हमला किया गया. पीड़िता का इलाज दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में किया जा रहा है. लेकिन हमारा सवाल यह है कि जब भी हम इस तरह की न्यूज सुनते हैं या टीवी पर देखते हैं तो अंदर से खौफ के साए में जरूर चले जाते हैं. कई तरह के सवाल दिमाग में आने लगते हैं. आजकल डिजिटल मीडिया का जमाना है तो बस ऐसी न्यूज सुनी और गूगल पर सर्च करने लगे कि एसिड अटैक में क्या होता है? अगर एसिड अटैक हो जाए तो क्या करना चाहिए? ऐसे सैकड़ों सवाल दिल और दिमाग में घूमने लगते हैं.
आज हम आपको उसी सवालों के कुछ हद तक जवाब देने की कोशिश करेंगे. इस आर्टिकल के जरिए आज हम बात करेंगे कि अगर किसी पर एसिड अटैक या किसी खतरनाक कैमिकल से आप जल जाए तो तुरंत में क्या करना चाहिए ताकि जलन और स्किन इंफेक्शन से कैसे बचा जाए.
भारत जैसे देशों में हर साल एसिड हमले काफी बढ़ रहे हैं. हाल ही में 'एसिड सर्वाइवर्स फाउंडेशन इंडिया' (ASFI) ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है. जिसमें बताया गया है कि पिछले पांच सालों में एसिड अटैक के 800 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. भारत में हर साल औसतन 100 से 500 एसिड अटैक के मामले सामने आते हैं. 'एसिड अटैक मानवाधिकारों' की रिपोर्ट के मुताबिक एसिड अटैक पीड़िता को अगर टाइम पर इलाज नहीं मिला तो वह अंधी से लेकर कई दूसरी खतरनाक बीमारी से भी पीड़ित हो सकती हैं. एसिड हमले के बाद एक पीड़िता की जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है. अगर एसिड अटैक पीड़िता जिंदा रह जाए तो यह लड़ाई सिर्फ एक दिन की नहीं उन्हें एक सुपरहीरो की तरह पूरी जिंदगी खुद के शरीर और पूरे समाज से लड़ना पड़ता है.
एसिड अटैक के तुरंत बाद क्या करना चाहिए?
जले हुए जगह को साफ और खारे पानी से धोएं
जिस जगह एसिड से जला है उस जगह को पानी से पहले अच्छे से धोएं. ध्यान रहे कि भूल से भी गंदे पानी से नहीं धोएं क्योंकि इससे चेहरे पर स्किन इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जब भी धोएं तो साफ और खारे पानी से ही धोएं, क्योंकि इससे इंफेक्शन होने का खतरा नहीं रहता है.
तेजाब हमले में आंख भी प्रभावित हुए हैं तो उसे बिल्कुल भी न रगड़ें
अगर किसी भी व्यक्ति पर तेजाब से हमला हुआ है और अगर इसका असर आंख पर भी पड़ा है तो सबसे पहले एक काम करें. पीड़िता को आंखों को रगड़ने से रोकें क्योंकि इससे स्थिति और भी खराब हो सकती है. जलन कम करने के लिए आंखों पर धीरे-धीरे पानी मारें.
कोई भी गहना पहने हैं तो उसे उतार दें
एसिड से जले हुए जगह में अगर आप सोना पहने हैं तो उसे सबसे पहले उतार दें. क्योंकि उससे आपको स्किन इंफेक्शन होने का खतरा किसी वक्त भी बढ़ जाएगा.
स्किन में किसी भी तरह के इंफेक्शन या गंदगी से बचाने के लिए sterilized gauze का इस्तेमाल करें. एसिड अटैक पीड़िता का जल्दी से इलाज हो सके इसलिए सबसे एंबुलेंस को कॉल करें. और तुरंत हॉस्पिटल ले जाएं. पास के हॉस्पिटल में कॉन्टैक्ट करने के लिए पास के हॉस्पिटल में 102/108 डायल करें.
एसिड अटैक या कैमिकल अटैक पीड़िता को जलने पर क्या नहीं करें
जले हुए जगह पर कोई भी क्रीम, मलहम, टूथपेस्ट, तेल या मक्खन न लगाएं.
ठंडे पानी या बर्फ से न धोएं.
फफोले को खोलें को टच न करें।
जले हुए स्थान पर चिपका हुआ कोई भी कपड़ा न हटाएं.
एसिड अटैक में होने वाले जख्म लंबे समय तक रहते हैं
एसिड हमले में होने वाले जख्म लंबे समय तक खतरनाक साबित हो सकते हैं, क्योंकि एसिड में इतनी ताकत है कि वह आपके हड्डी तक को गला सकती है. इसलिए इससे होने वाले जख्म लंबे समय तक गंभीर रहते हैं. और काफी टाइम के बाद ही ठीक होते हैं. आपको जानकारी हैरानी होगी कि एसिड या कैमिकल से जलने के बाद गंभीर स्किन इंफेक्शन होने का खतरा रहता है.
यह आपके फेफड़ें तक खराब कर सकती है
तेजाब इतनी ज्यादा खतरनाक होती है कि यह किसी भी इंसान के सांस लेने की नली तक को प्रभावित कर सकता है. यह दोनों फेफड़ें तक को खराब कर सकता है. फेफड़ों में सूजन का कारण बन सकता है. हमले के दिनों और महीनों के बाद भी पीड़ित व्यक्ति की देखभाल अगर ठीक से नहीं कि गई तो मरीज को गंभीर इंफेक्शन होने का खतरा रहता है और मृत्यु का कारण भी बन सकता है.
सामाजिक मानसिकता
एसिड अटैक पीड़िता को सामाज की छोटी मानसिकता के कारण उन्हें काफी कुछ झेलना भी पड़ता है. पीड़िता को सामाजिक कलंक, सामाजिक अलगाव और मनोवैज्ञानिक आघात के कारण उनके आत्मसम्मान पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
कई NGO इस क्षेत्र में काम कर रही है
भारत में कई एनजीओ एसिड अटैक सर्वाइवर्स को वित्तीय सहायता के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक उपचार भी प्रदान करते हैं ताकि वे इस कठिन समय उबर सकें.
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