Winter Pollution: सर्दी के मौसम में स्मोक एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आता है और बढ़ा हुआ पॉल्यूशन सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ाता है. स्मोक यानी धुआं जो इंडस्ट्रीज और गाड़ियों से निकलता है और फोग, जो ठंड के कारण होता है. स्मोक और फोग से मिलकर बना है स्मोग. ठंड के मौसम में खांसी, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं सिर्फ सर्दी के कारण नहीं होती हैं बल्कि स्मोग के कारण भी होती है. हवा में मौजूद डस्ट और धुएं के कण जब सांस के जरिए शरीर में जाते हैं तो लंग्स में कई तरह की समस्या पैदा करते हैं, साथ ही गले और नाक में भी इंफेक्शन फैलाते हैं. 


रेस्पिरेट्री सिस्टम पर होता है दोनों का हमला


सर्दी के मौसम में एयर पॉल्यूशन के कारण होने वाले रोगों की आशंका तो हमेशा ही बढ़ी हुई होती है लेकिन फिलहाल कोरोना के संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है, जो पिछले तीन साल से लगातार हर विंटर सीजन में हावी हो रहा है. ऐसे में अगर मौसम के कारण कोई भी रेस्पिरेट्री डिजीज यानी सांस संबंधी रोग होता है तो कोविड के संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है. क्योंकि कोरोना भी सबसे पहले श्वसनतंत्र (Respiratory System ) पर ही अटैक करता है. 


स्मोग से होती हैं ये समस्याएं


स्मोग और प्रदूषण के कारण सर्दी के मौसम में सबसे पहले ये समस्याएं होती हैं..



  1. खराश 

  2. गला दुखना

  3. खांसी

  4. निगलने में कठिनाई होना

  5. नाक का सूखना

  6. गले में ड्राइनेस होना

  7. सांस लेने में कठिनाई होना

  8. सीने में दर्द होना

  9. चेस्ट में हेवीनेस होना

  10. सांस उखड़ना



  • इनके अलावा सर्द और दूषित हवा के कारण दिकक्त बढ़ती है तो लंग्स की गंभीर बीमारियां, कैसंर और हार्ट संबंधी समस्याएं होने की आशंका भी बढ़ जाती है.

  • सिर्फ श्वसनतंत्र संबंधी समस्याएं ही नहीं बल्कि प्रदूषण के कारण स्किन डिजीज भी बहुत अधिक होती हैं. ऐसा हवा में मौजूद लेड पार्टिकल्स के कारण अधिक होता है. इससे होने वाली समस्या को लेड पाइजनिंग कहते हैं. 


बचाव के लिए क्या करें?


इस सर्दी में बढ़ता प्रदूषण आपको परेशान ना कर पाए इसके लिए आप कुछ खास बातों का ध्यान रखें...



  • मास्क का उपयोग करें. मास्क आपको कोरोना के रिस्क से तो बचाएगा ही, साथ ही हवा में मौजूद डस्ट पार्टिकल्स और पाइजनस कणों को भी अंदर नहीं आने देगा.

  • काढ़ा पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता तो मजबूत होती ही है, साथ ही गले और रेस्पिरेट्री (Respiratory System ) सिस्टम की क्लीनिंग भी होती है. हेल्दी लंग्स के लिए आपको क्या खाना चाहिए, ये जानने के लिए यहां क्लिक करें.

  • हल्दी वाला दूध या गोल्डन मिल्क, इसके बारे में हम आपको अक्सर बताते रहते हैं. दरअसल,यह इतनी प्रभावी और आसानी से उपलब्ध औषधि है ना कि हर कोई इसे अपना सकता है. इसके गुण शरीर को निरोग रखने में इंपॉर्टेंट रोल निभाते हैं.

  • गरारे करने से सिर्फ कोरोना का खतरा कम नहीं होता बल्कि स्मोग के कारण गले में होने वाले रोगों से भी छुटकारा मिलता है.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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