How To Keep Spine Healthy: हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी नहीं होती बल्कि अंग्रेजी के एस (S) लेटर की शेप में होती है. बोन्स और मसल्स की समस्याओं से बचने और पोश्चर इंप्रूव करने के लिए जितना जरूरी सीधे बैठना होता है, उतना ही जरूरी दिन में कुछ समय के लिए जमीन पर बैठना भी होता है. फ्लोर सीटिंग कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं से बचने का आसान तरीका है. साथ में बॉडी लैंग्वेज तो इंप्रूव करता ही है.


जमीन पर बैठने का अपना सुख होता है. पालथी लगाकर बैठने पर एक अलग तरह का शारीरिक सुकून और मानसिक शांति मिलती है. हालांकि जो लोग हमेशा कुर्सी पर ही बैठते हैं, उनमें से कुछ लोगों को जमीन पर बैठने में दिक्कत भी होती है. लेकिन ये अच्छा साइन नहीं है. अगर आपके साथ ऐसा है तो एक बात जरूर जान लीजिए कि हर दिन कुछ देर के लिए जमीन पर बैठना हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है और जरूरी भी होता है. ऐसा क्यों हैं, यहां जान लीजिए...


जमीन पर बैठने के फायदे



  • जमीन पर बैठना रीढ़ की हड्डी को मजबूत और शेप में बनाए रखने में फायदेमंद है. 

  • 'यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलजी' में प्रकाशित एक रिसर्च 'Ability To Sit And Rise From The Floor' के मुताबिक फ्लोर पर बैठने और उठने की क्षमता लाइफ के लंबे होने का संकेत भी देती है और इसमें मदद भी करती है. कोई व्यक्ति किस स्पीड से फर्श पर बैठकर उठता है ये बात लाइफस्पैन बताने में काफी मददगार होती है.

  • हर दिन 10 से 15 मिनट के लिए शांति के साथ फर्श पर बैठकर ही आप अपने पोश्चर को काफी हद तक इंप्रूव कर सकते हैं. आप पालथी लगाकर यानी सुखासन में बैठते हैं तो सबसे अच्छा होता है लेकिन आप चाहें तो पैर फैलाकर या फिर क्रॉस लेग करके भी फ्लोर पर बैठ सकते हैं. कुल मिलाकर फ्लोर पर बैठना ज्यादा जरूरी है.

  • अगर आप लंबे समय तक फ्लोर पर बैठ रहे हैं तो एक ही पोजिशन में ना बैठे. इससे आपके मसल्स और बोन्स में दिक्कत हो सकती है. इसलिए आप अपनी पोजिशन चेंज करते रहें.

  • पालथी लगाकर बैठने से मन को बहुत जल्दी शांत करने में मदद मिलती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सुखासन में बैठने से मसल्स रिलैक्स होती हैं, एक्युप्रेशर पॉइंट्स पर प्रेशर आता है, पोजिशन सही होती है. इसलिए हार्ट बीट्स भी नॉर्मल होने लगती हैं. ये एक बड़ी वजह है कि मेडिटेशन भी जमीन पर बैठकर ही करने की सलाह दी जाती है, काउच या बेड पर बैठकर नहीं.


जमीन पर बैठकर करें ये काम



  • ध्यान लगाना

  • त्राटक क्रिया

  • रात का भोजन

  • फ्री टाइम में कॉफी पीना

  • बुक पढ़ना


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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