PCOS and Weight control: पीसीओएस जिसका पूरा नाम पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) है, ये एक ऐसी समस्या है, जिसमें महिलाओं की ओवरी यानी बच्चेदानी के बाहरी किनारों पर छोटी-बड़ी गांठे हो जाती हैं. इससे ओवरी का साइज बढ़ जाता है, जो शरीर में कई तरह की हॉर्मोनल समस्याएं बढ़ाता है. PCOS होने की मुख्य वजह क्या है, इस बारे में अभी तक कुछ भी पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है. लेकिन डेली लाइफ से जुड़े कुछ ऐसे फैक्टर्स जरूर हैं, जिनके कारण ये बीमारी महिलाओं को घेर लेती है. इनमें हेल्दी फूड्स ना खाना, देर रात तक जागना और फिजिकली ऐक्टिव ना रहना जैसे कारण शामिल हैं.


पिछले कुछ साल में युवा महिलाओं के बीच इस बीमारी के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं. टीनेजर्स से लेकर 25-26 साल की यंग गर्ल्स इस बीमारी से ग्रसित हो रही हैं. PCOS के कारण महिलाओं को कुछ ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो इनकी फीजिकल हेल्थ के साथ ही मेंटल हेल्थ पर भी बहुत बुरा असर डालती हैं. तो सबसे पहले ये जानें कि PCOS के कारण शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं...


PCOS के कारण होने वाली परेशानी और इसके लक्षण



  • इस समस्या से जूझ रही ज्यादातर महिलाओं में हर्सिटिज़म (Hirsutism) की समस्या होती है. यानी इनके शरीर पर बालों की ग्रोथ बहुत अधिक होने लगती है. इसलिए कुछ महिलाओं को चेहरे पर बाल उगने, हाथ-पैर पर लंबे और घने बाल उगने की समस्या होती है.

  • PCOS का दूसरा बड़ा लक्षण है मूड स्विंग्स. इन महिलाओं में मूड संबंधी समस्याएं बहुत अधिक होती हैं और आमतौर पर लोग इन्हें चिड़चिड़ा या गुस्सैल प्रवृत्ति का मान लेते हैं, जबकि असल में ऐसा होता नहीं है.

  • पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं होती हैं. या तो पीरियड्स रेग्युलर तरीके से नहीं होते या फिर ब्लीडिंग बहुत अधिक होती है या थोड़ी-थोड़ी ब्लीडिंग कई दिनों तक होती रहती है.

  • प्रेग्नेंसी में समस्या होती है. 

  • मोटापा बढ़ने लगता है.

  • चेहरे पर झाइयां हो जाती हैं

  • मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है, जिससे तनाव, नींद ना आना, किसी काम में मन ना लगना, बहुत अधिक इमोशनल हो जाना, याददाश्त संबंधी समस्या जैसी कई दिक्कतें शामिल हैं.


PCOS के बारे में तीन जरूरी बातें



  • इस बीमारी को आप पूरी तरह मैनेज कर सकते हैं और आपको नियमित रूप से गोलियां लेने की जरूरत नहीं होगी.

  • PCOS के कारण जिन महिलाओं का वजन अधिक बढ़ जाता है, वे यदि अपने वजन को कंट्रोल कर लेती हैं तो इनकी नॉर्मल प्रेग्नेंसी के चांस 90 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं.

  • पीसीओएस में वजन घटाने के लिए योग, प्राणायाम, मेडिटेशन और वॉक करना अधिक लाभकारी होता है बजाय एक्सर्साइज के. 


एक्सरसाइज से क्यों बेहतर है योग?



  • PCOS की समस्या में वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज से कहीं अधिक प्रभावी योग (Yoga) होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत तेजी से की गई एक्सरसाइज, बहुत अधिक की गई एक्सरसाइज या कठिन एक्सरसाइज (Rigorous Exercise) के कारण कई बार बॉडी और ब्रेन पर स्ट्रेस बढ़ जाता है, जिससे शरीर के अंदर कॉर्टिसोल लेवल बढ़ने लगता है. कॉर्टिसोल एक नेगेटिव हॉर्मोन है जो पीसीओएस की स्थिति को गंभीर बना सकता है. 

  • योग, प्राणायाम, मेडिटेशन करने का असर सिर्फ हॉर्मोन्स को बैलेंस करने पर नहीं होता बल्कि ये मेंटल हेल्थ को इंप्रूव करने में भी जल्दी असर दिखाते हैं. और पीसीओएस के दौरान महिलाओं की फिजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ पर साथ-साथ काम किया जाए तो वजन तेजी से कंट्रोल होता है.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


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