Healthy Pregnancy After Miscarriage: ज्यादातर महिलाएं मिसकैरेज (गर्भपात) के बाद दोबारा कंसीव करने से डरने लगती हैं. उन्हें लगने लगता है कि कहीं उनकी मां बनने की ख्वाहिश उनकी जान पर एक बड़ा खतरा ना बन जाए. क्या मैं फिर से कंसीव कर सकती हूं?...क्या मुझे इनफर्टिलिटी का इलाज की जरूरत है?, ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो हर उस महिला के मन में घुमड़ते हैं, जो कभी न कभी मिसकैरेज से गुजरी होती है. एक्सपर्ट बताते हैं कि मिसकैरेज होना नॉर्मल बात है. कई महिलाएं अलग-अलग वजहों से इस बुरे दौर गुजरती हैं. हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि मिसकैरेज होने के बाद दोबारा कंसीव नहीं किया जा सकता या मिसकैरेज के बाद कंसीव करना मुश्किल होता है.     


हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 प्रतिशत मामलों में दोबारा मिसकैरेज की आशंका रहती है, लेकिन ऐसा बार-बार या हमेशा नहीं देखा जाता है. प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों में होने वाले 50 प्रतिशत मिसकैरेज, क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटी के कारण होते हैं. अगर माता या पिता डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर या क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटी से पीड़ित हैं तो बार-बार गर्भपात की संभावना हो सकती है. प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीने में मिसकैरेज होने के बाद अगले चक्र में गर्भधारण हो सकता है, लेकिन गर्भपात के बाद कम से कम दो महीने तक संभोग से बचने की सलाह दी जाती है. 


प्रेग्नेंसी की प्लानिंग से पहले इन बातों का रखें ख्याल


एक से ज्यादा बार गर्भपात होना आपकी प्रेग्नेंट होने की उम्मीदों पर पानी फेर सकता है. हालांकि ऐसा सभी मामलों में नहीं देखा जाता. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि मिसकैरेज के बाद महिलाएं हेल्दी प्रेग्नेंसी एन्जॉय नहीं कर सकतीं. हेल्दी प्रेग्नेंसी की प्लानिंग करने के लिए महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए...


1. मिसकैरेज के बाद अगली प्रेग्नेंसी प्लान करने में जल्दबाजी बिल्कुल न करें. एक पीरियड साइकिल से कम से कम 3 महीने तक इंतजार करें.


2. एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं. फिजिकल और मेंटल हेल्थ का ख्याल रखें. एक हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए अच्छे रूटीन और लाइफस्टाइल का पालन करना बहुत जरूरी है. संतुलित आहार खाएं, जिसमें दालें, पत्तेदार सब्जियां, फल और आयरन से भरपूर भोजन शामिल हो, जो शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी को दूर करे.


3. अगर आपको डायबिटीज है तो अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और दूसरी प्रेग्नेंसी से पहले इसकी रेगुलर जांच कराने की सलाह दी जाती है. क्योंकि डायबिटीज की वजह से जन्म दोष और मिसकैरेज सहित कई बुरे प्रभाव देखने को मिल सकते हैं.


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